कोटा में 15 मिनट तक गिरे ओले, लाखों की धनिया-गेहूं की फसल चौपट

फसलें

कोटा में 15 मिनट तक गिरे ओले, लाखों की धनिया-गेहूं की फसल चौपट

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राजस्थान के कोटा के कनवास तहसील में बुधवार को ओलावृष्टि हुई. यहां के जगदीशपुरा गांव में 15 मिनट तक लगातार ओलावृष्टि होने से कई फसलें पूरी तरह से चौपट हो गई हैं. किसानों का कहना है कि नींबू से भी मोटे आकार के ओले गिरे और यह सिलसिला करीब 15 मिनट तक चलता रहा.

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बेमौसम बारिश से इस पूरे इलाके की फसलें पूरी तरह चौपट हो गईं. धनिया की फसल ओला गिरने के कारण पूरी झड़ कर जमीन पर गिर गई. किसान इस नुकसान के लिए सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं.

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किसानों की शिकायत है कि सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं दी जाती. हर बार सरकार का मुआवजा कागजों में ही अटका रहता है. फसलों का सर्वे भी होता है. लेकिन मुआवजे का नाम आते ही पैसा अटक जाता है.

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कनवास तहसील के खेतों में पटवारी सर्वे का काम कर रहे हैं. यहां फसली नुकसान का जायजा लिया जा रहा है. पटवारी का कहना है कि धनिया की फसल पूरी तरह से नष्ट हुई है. वहीं गेहूं की फसल 50-60 परसेंट खराब हुई है. चना सरसों और लहसुन में भी नुकसान हुआ है.

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पटवारी का कहना है कि सर्वे का काम हो रहा है और किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाएगा. पहले खरीफ की फसल खराब हुई थी उसकी गिरदावरी का काम ऑनलाइन कर दिया गया है. सोयाबीन का नुकसान भी देखा जा रहा है. सर्वे के बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

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दूसरी ओर किसानों का कहना है कि जो फसल पिछली बार खराब हुई थी, उसका भी मुआवजा अभी तक नहीं मिला है. सोयाबीन की फसल पिछली बार पूरी तरह से खराब हो गई थी. उसकी गिरदावरी अब ऑनलाइन की गई है.

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कोटा में बारिश से कई फसलों का नुकसान हुआ है. इसमें चने के अलावा गेहूं की फसलों का भी भारी नुकसान है. गेहूं कुछ दिनों बाद कटने वाला था, लेकिन अब खेतों में पानी लग गया है. इससे गेहूं काला पड़ने और उत्पादन गिरने का डर है.

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रबी की फसलों के अलावा यह सीजन आम का भी है. अभी पेड़ों पर छोटे-छोटे आम लगे हैं. इस बार पूरे राजस्थान में आम के बौर खूब आए और अमिया भी अधिक दिख रही है. लेकिन कोटा में गिरे ओले ने आम को भारी नुकसान पहुंचाया है. बागों में अमिया बिछ गई है. किसान इससे बहुत परेशान हैं. 

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फसली नुकसान पर किसानों की मांग है कि सरकार तुरंत गिरदावरी कराए और उन्हें मुआवजा दिलाए. किसानों की शिकायत है कि पिछले साल भी किसानों को उचित मुआवजा नहीं मिला जिससे वे अभी तक परेशान हैं. इस बार उन्होंने मुआवजे की उम्मीद लगाई है.(रिपोर्ट/चेतन गुर्जर)