पंजाब में कोहरे का असर, संगरूर में 70 फीसद बर्बाद हुई आलू-मटर की फसल

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पंजाब में कोहरे का असर, संगरूर में 70 फीसद बर्बाद हुई आलू-मटर की फसल

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पंजाब में पिछले दिनों पड़े कोहरे के चलते किसानों की आलू और मटर की फसल बर्बाद हो गई है. किसानों के अनुसार यहां 70 फीसद तक नुकसान हुआ है. बागवानी विभाग ने भी माना है कि सब्जियों की फसलों पर कोहरे का भीषण असर हुआ है. किसानों की खराब हुई फसल का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है. कई दिनों तक पारा गिरने और घना कोहरा छाने से फसलों को नुकसान हुआ है.

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पंजाब में पिछले हफ्ते पारा जीरो डिग्री तक सिमट गया था. कोहरा लगातार चार दिन पड़ा जिससे कई फसलों को इसका फायदा हुआ, लेकिन आलू और मटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. कई किसानों की 70 परसेंट तक फसल बर्बाद हो गई है. कुछ किसानों ने अपनी फसल पर ट्रैक्टर चला दिया. ये हालात पंजाब के मुख्यमंत्री के गृह जिले संगरूर के हैं.

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संगरूर में किसानों की आलू की फसल का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. किसान सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मटर की खेती करने वाले किसानों का भी बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है. लहरागागा इलाके में एक किसान ने चार एकड़ मटर की खेती की जिसमें से तीन एकड़ पर ट्रैक्टर चला दिया और बाकी बचा एक एकड़ भी कोहरे की मार से बेहाल है. उसका भी बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है. बागवानी विभाग किसानों के हुए नुकसान का अनुमान लगा रहा है.

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मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र धुरी के गांव कोलसेड़ी के दो किसानों के खेत में आलू की फसल का 70 परसेंट तक नुकसान हो चुका है. दोनों ही किसानों ने बताया कि आलू की फसल बिल्कुल बर्बाद हो चुकी है. वे पिछले दो साल से आलू की खेती करते आ रहे हैं लेकिन इस बार तो नुकसान इतना है कि लेबर का खर्च भी नहीं निकल पाएगा. आलू की बेल कोहरे के चलते बिल्कुल सूख चुकी है.

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कोहरे के चलते आलू की ग्रोथ रुक जाती है क्योंकि उसकी बेल सूख जाती है. बेल सूखने से नीचे जमीन में आलू बढ़ नहीं पाता है. इससे मार्केट में आलू का सही दाम नहीं मिल पाता. किसानों ने पंजाब के मुख्यमंत्री से अपील की है कि जैसे दूसरी फसलों का मुआवजा दिया जाता है, वैसे ही आलू के लिए भी मुआवजा मिले. लहरागागा के गांव रोडेवाल में एक किसान की चार एकड़ में मटर की फसल बर्बाद हो गई है. मटर पर कोहरे का असर बड़े स्तर पर देखा गया है.

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इस किसान ने तीन एकड़ मटर के खेत पर ट्रैक्टर चला दिया क्योंकि फसल कोहरे के चलते बिल्कुल बर्बाद हो गई थी. अब एक एकड़ फसल बची है. अगर वह ठीक रही तो आगे पैदावार मिलेगा वर्ना उस पर भी ट्रैक्टर चलाने की नौबत आ सकती है. इस किसान के अनुसार उसका एक एकड़ पर 20000 रुपये का खर्च आया था. लेबर का खर्च भी था, लेकिन सब बर्बाद हो गया है.

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किसानों की मांग है कि सरकार उनके खेतों में कृषि विभाग के अधिकारी भेज कर जायजा ले और कोहरे के चलते हुए नुकसान उन्हें मुआवजा दिया जाए. इस बारे में संगरूर बागवानी विभाग के डायरेक्टर डॉक्टर निर्वंत सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने भी माना कि कोहरे का असर इस बार सब्जियों पर देखने को मिला है. सबसे ज्यादा आलू की फसल प्रभावित हुई है.

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जिन किसानों ने अक्टूबर महीने में आलू की बिजाई की थी, उस पर असर कम है क्योंकि वह फसल बिल्कुल तैयार हो चुकी थी. लेकिन नवंबर महीने में जिस आलू की बिजाई हुई थी, उसका 40 से 50 परसेंट तक का नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के अधिकारी किसानों के पास जाकर लिस्ट बना रहे हैं. नुकसान की लिस्ट तैयार कर उसकी रिपोर्ट बनेगी जिसे सरकार तक भेजा जाएगा.

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हाल के दिनों में पहाड़ों में जहां लगातार बर्फबारी देखी गई है, वही मैदानी इलाकों में पारा जीरो और उसके आसपास तक लुढ़का है. शीतलहर के साथ घने कोहरे का असर भी देखा गया. गिरते तापमान से जहां गेहूं को फायदा हुआ, वहीं हरियाणा और आसपास के राज्यों में सरसों को भारी नुकसान देखा गया है. पाले ने सरसों के साथ मटर और आलू को भी भारी नुकसान पहुंचाया है.(संगरूर से विक्की की रिपोर्ट)