केंद्र सरकार द्वारा प्याज एक्सपोर्ट पर रोक लगाने के बाद महाराष्ट्र के किसानों में भारी गुस्सा है. राज्य के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोशित हैं. महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन ने नासिक में एक बैठक करके सरकार के इस फैसले के खिलाफ तीन प्रस्ताव पारित किए हैं.
पहला यह कि प्याज उत्पादक किसान दिल्ली में आकर केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ धरना देंगे. दूसरा, केंद्र सरकार की प्याज आयात और निर्यात नीति के खिलाफ महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेगा. तीसरा, अब महाराष्ट्र की किसी भी बाजार समिति में अगर प्याज की बोली 3000 रुपये प्रति क्विंटल से कम होगी तो किसान प्याज की नीलामी रद्द कर देंगे. कोई भी किसान 3000 रुपये से कम कीमत पर व्यापारियों को प्याज नहीं देगा.
महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत दिघोले का कहना है कि जब प्याज का दाम सिर्फ एक और दो रुपये किलो रह जाता है तब सरकार गायब हो जाती है. गुहार लगाते रहिए कोई मदद के लिए नहीं आता.
जब दाम थोड़ा अच्छा मिलने लगता है तो सरकार को दिक्कत होने लगती है और वो तरह-तरह की कोशिशों से दाम गिरा देती है. जो सरकार हमें दाम गिरने पर मदद नहीं दे सकती उस सरकार को दाम बढ़ने के बाद उसे घटाने का हक क्यों है? जब सरकार ही किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है तब हम किसान किससे उम्मीद करें.
सरकार ने 7 दिसंबर को प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था. उसके बाद किसानों को एक दिन में करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. इसलिए महाराष्ट्र के प्याज उत्पादकों ने अब दिल्ली जाकर धरना देने का फैसला किया है. साथ ही किसान केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, गृह मंत्री अमित शाह, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की कोशिश करेंगे. नासिक में हुई प्याज किसान संगठन की बैठक के बाद यह फैसला लिया गया. दिघोले का कहना है कि सरकार लगातार प्याज किसानों को परेशान कर रही है, लेकिन अब किसान इस तरह के उत्पीड़न को और बर्दाश्त नहीं करेंगे.
दिघोले का कहना है कि सरकार ने सबसे पहले अगस्त में प्याज का दाम गिराने के लिए 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई. उसके बाद नेफेड और एनसीसीएफ को आगे करके बाजार से सस्ता प्याज बिकवाया. इससे किसानों का भारी नुकसान हुआ. अब एक्सपोर्ट ही बैन करके सबसे बड़ी चोट दी है. महाराष्ट्र सबसे बड़ा प्याज उत्पादक है. लगता है कि केंद्र सरकार की यहां के किसानों के साथ कोई दुश्मनी है. संगठन का सवाल यही है कि आखिर प्याज किसानों ने बिगाड़ा क्या है. क्या सरकार यह चाहती है कि प्याज की खेती हम बंद कर दें. ऐसा हुआ तो आपको 200 रुपये किलो प्याज खरीदनी होगी. आप एक्सपोर्टर से इंपोर्टर बन जाएंगे.