महाराष्ट्र की मिलों से इस बार चीनी का उत्पादन कम हुआ है. एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बार अब तक 944.82 लाख टन (लीटर) गन्ने की पेराई हुई. इससे 95.29 लीटर चीनी का उत्पादन हुआ है. इस चीनी सीजन में परिचालन शुरू करने वाली कुल 207 मिलों में से 22 मिलों ने अपना परिचालन पूरा कर लिया है. अगर पिछले साल की बात करें तो इसी अवधि के दौरान, महाराष्ट्र में 211 चीनी मिलों ने 998.17 लीटर गन्ने की पेराई की. इसका नतीजा था कि 99.12 लीटर चीनी का उत्पादन पिछले साल हुआ था.
महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त अनिल कवाडे ने शुक्रवार को कहा कि साल 2023-24 के पेराई सत्र में अब तक महाराष्ट्र में चीनी का उत्पादन 90 लाख टन तक पहुंच गया है. यह आंकड़ा देशभर के उत्पादन का करीब 35 फीसदी है. उन्होंने बताया कि देश में चीनी का उत्पादन अब तक लगभग 264 लाख टन है. उनका कहना था कि राज्य में चीनी की मिलें अभी भी चालू हैं और पांच लाख टन और चीनी का उत्पादन होने की उम्मीद है.
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कवाडे ने बताया कि चालू पेराई सत्र में राज्य की 204 मिलों ने चीनी का उत्पादन किया. अब तक 15 कारखानों ने उत्पादन बंद कर दिया है लेकिन बाकी बचे कारखानों में काम मार्च के अंत तक जारी रह सकता है. साथ ही उन्होंने यह जानकारी भी दी कि इस साल राज्य में चीनी उत्पादन करीब पांच से 10 लाख टन कम हो सकता है. कम बारिश की वजह से गन्ने की फसल पर खासा असर पड़ा है. इस वजह से ही उत्पादन कम रह गया है. पिछले पेराई सत्र के दौरान चीनी उत्पादन करीब 105 लाख टन था.
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अब तक, कोल्हापुर डिवीजन में दो चीनी मिलें, सोलापुर डिवीजन में सात चीनी मिलें, पुणे डिवीजन में चार, अहमदनगर डिवीजन में दो, छत्रपति संभाजी नगर डिवीजन में छह चीनी मिलें और नांदेड़ डिवीजन में एक चीनी मिल ने अपना पेराई सत्र बंद कर दिया है. अपने दूसरे अनुमान में, इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) ने चालू खरीद साल 2023-24 में चीनी उत्पादन 10 प्रतिशत घटकर 33.05 मीट्रिक टन होने का अनुमान लगाया है, जो पिछले वर्ष में 36.62 मीट्रिक टन था. आईएसएमए के अनुसार, चालू विपणन वर्ष के फरवरी तक महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में चीनी उत्पादन कम रहा.