महाराष्ट्र में इस समय किसानों को केले का अच्छा दाम मिल रहा है. राज्य की कई मंडियों में भाव 3000 से 4000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में केले की मांग बढ़ रही है. अमूमन हर साल ठंड में केले की क़ीमतों में गिरावट देखी जाती है. लेकिन इस साल उत्पादन में कमी है, जिससे मंडियों में आवक कम हो गई है और दाम लगातार बढ़ रहा है. किसानों ने उम्मीद जताई कि आगे भी ऐसे ही भाव जारी रहा तो उन्हें फायदा हो सकता है. महाराष्ट्र के जलगांव, सोलापुर और पुणे में सबसे ज्यादा केले की खेती की जाती है.
केला किसान संघ के अध्यक्ष किरण चव्हाण का कहना है कि कीमतों में बढ़ोतरी का लाभ सभी किसानों को नहीं हो रहा है. क्योंकि इस साल महाराष्ट्र में केला उत्पादन कम हो गया है. बेमौसम और अति बारिश की वजह से काफी खेती चौपट हो गई. उत्पादन कम होने की दूसरी वजह बीमारी है. केले की फसल पर सीएमवी (ककड़ी मोजेक वायरस) और करपा रोग लगने से काफी नुकसान हो रहा है.
उधर, अगली फसल के लिए राज्य के किसानों ने केले के पौधों की बुकिंग शुरू कर दी है. किसानों ने केले के पौधे समय पर मिलने की उम्मीद जताई है. वहीं पिछले साल केले के पौधे चार महीने पहले ही बुक करा लिए गए थे, लेकिन सही समय पर नर्सरी नहीं मिलने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था. किसानों का कहना है कि अगर रोपण के लिए नर्सरी संचालक समय से किसानों को पौधे उपलब्ध कराएंगे तो साल के अंतिम समय तक बागों के क्षेत्र में वृद्धि की संभावना हो सकती है.
केला उत्पादक किसान ईश्वर माली ने बताया कि वो पिछले पांच साल से केले की खेती कर रहे हैं, लेकिन, दो-तीन साल से केले के दाम अच्छे नहीं मिले थे. इस साल केले के दाम में अच्छी बढ़ोतरी हुई है. केले के अच्छे दाम मिलने से कुछ किसान खुश हैं. खासतौर पर वो किसान जिनके खेत का बारिश और कीटों से नुकसान नहीं हुआ. इस साल अच्छे दाम की वजह से बड़े पैमाने पर केले की खेती करने पर ज़ोर दिया जाएगा.
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