कोटा में बारिश की भेंट चढ़ा हजारों किलो गेहूं, मंडी की बदइंतजामी की खुली पोल

फसलें

कोटा में बारिश की भेंट चढ़ा हजारों किलो गेहूं, मंडी की बदइंतजामी की खुली पोल

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एशिया की प्रसिद्ध भामाशाह मंडी में खुले में पड़ा अनाज बारिश के चलते भीग गया और किसानों को लाखों रुपये का नुकसान हो गया. मंडी में इन दिनों अनाज की बंपर आवक हो रही है. रविवार को भी मंडी में दो लाख कट्टों से भी अधिक की आवक हुई. हालाकि मंडी में अधिकांश किसानों की जींस बिक चुकी थी और तुलाई के बाद कट्टों में भर दी गई थी. ऐसे में उनमें ज्यादा नुकसान नहीं हुआ. लेकिन 10 हजार कट्टों से ज्यादा की तुलाई नहीं होने से किसानों की जींस भी भीग गई.

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बंपर आवक के चलते भामाशाह मंडी में इन दिनों नीलामी यार्डों के अलावा सड़कों पर भी नीलामी की जा रही है. नीलामी के बाद अनाज तुलकर कट्टों में भर दी गई थी. मगर करीब 10 से 15 हजार बोरी जींस खुले में पड़ी हुई थी जो बारिश के चलते भीग गई. हालांकि  मंडी में टीन शेड लगे हुए हैं पर ज्यादातर टीन शेड के नीचे व्यापारियों का माल जमा होने से किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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ऐसे ही एक किसान हैं कालू सिंह जो अपनी फसल को लेकर बेचने के लिए कोटा मंडी में पहुंचे थे. कालू सिंह अपना दर्द बयां करते हुए कहते हैं कि लगभग 70000 कट्टे अनाज की यहां पर आवक है जो पूरी तरह भीग चुका है. 25 मिनट बारिश हुई जिससे किसानों का माल तबाह हो गया है. ऐसे में भीगे हुए माल को खरीदार कम भाव में खरीदते हैं.

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कालू सिंह दुखड़ा रोते हुए कहते हैं, मेहनत और भारी खर्च करने के बाद खेतों में बुआई करते हैं. डीजल और ट्रैक्टर से जुताई कितनी महंगी है, यह सबको पता है. खेती से उम्मीद करते हैं कि उपज अच्छी निकलेगी तो घर के कई काम होंगे. किसान कालू सिंह का कहना है कि उनकी फसल मारी जाती है तो बच्चों को पढ़ाने के लिए भी पैसे नहीं बचते. माथे पर कर्ज और भी चढ़ जाता है. अभी यही हाल हुआ है.

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किसान ने कहा, हमारी फसल बिकने वाली थी लेकिन मंडी में रखे हुए अनाज के बोरे पूरी तरह भीग चुके हैं. लहसुन जो मंडी के बाहर पड़ा था, उसको रखने के लिए मंडी परिसर में किसी भी तरह की व्यवस्था नहीं थी. अब वह भी पूरी तरह भीग चुका है. ऐसे में अब भाव में गिरावट की वजह से किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

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किसानों की शिकायत इस बात को लेकर है कि कई महीनों की मेहनत के बाद उनकी फसल तैयार होती है. लेकिन जब बिकने की बारी आती है तो मंडी की बदइंतजामी उनके सभी अरमानों पर पानी फेर देती है. अभी कोटा मंडी में यही हाल देखने को मिला है. जिन किसानों की उपज तौली नहीं गई थी, अब वह पूरी तरह से बर्बादी की कगार पर है.

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कोटा मंडी में अपनी उपज बेचने पहुंचे एक और किसान ने कहा कि काफी देर तक आने वाली बारिश की वजह से सोयाबीन, लहसुन, सरसों और गेहूं की फसल भीग गई है. साथ में ही भारी बारिश की वजह से पकी फसलें पानी के साथ बह गई हैं जिससे किसानों का भारी नुकसान हुआ है. यह नुकसान ऐसा है जिसकी भरपाई बहुत मुश्किल है.