मध्य प्रदेश में एमएसपी पर गेहूं की सरकारी खरीद की प्रक्रिया 15 मार्च से शुरू होकर 5 मई तक चली. हालांकि, अभी ऐसे किसान जिन्होंने स्लॉट बुक किए थे, लेकिन उनकी वैलिडिटी खत्म हो गई थी. उन्हें 9 मई तक गेहूं बेचने का मौका दिया गया है. इस बीच, मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गेहूं खरीद की प्रक्रिया से जुड़े आंकड़ों की जानकारी दी और छूटे हुए किसानों से खरीद पूरी करने के निर्देश दिए. उन्होंने अफसरों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि गेंहू खरीद के लिए कोई भी किसान स्लॉट बुकिंग से वंचित नहीं रहे और बुकिंग वाले सभी किसानों से गेंहू खरीदा जाए.
सीएम मोहन यादव ने कहा कि किसानों को कोई परेशानी न हो इस बात का खास ध्यान रखें और खरीद केंद्रों पर किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सीएम ने जानकारी दी कि अब तक 8 लाख 87 लाख से हजार से ज्यादा रजिस्टर्ड किसानों से 76.60 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीदा जा चुका है. हम पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ते हुए इस साल 81 लाख मीट्रिक टन गेंहू खरीद के लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं.
सीएम ने कहा कि यह प्रदेश के किसानों की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है. इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को अन्नदाताओं पर गर्व है. वहीं, सीएम ने उपज के भुगतान को लेकर कहा कि किसानों को 5 मई तक 16 हजार 472 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. सीएम यादव रबी उपार्जन के तहत गेहूं खरीदी की मुख्यमंत्री निवास- समत्व भवन में समीक्षा कर रहे थे. बैठक में मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा मौजूद थे.
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2025-26 में 34 लाख 93 हजार एकड़ रकबे में गेहूं की खेती हुई और फसल बेचने के लिए 15 लाख 44 हजार किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. किसानों से गेहूं खरीदने के लिए प्रदेश में 3 हजार 620 खरीद केंद्र बनाए गए थे. वहीं, स्लॉट बुकिंग से वंचित किसानों की बुकिंग के लिए पोर्टल पर सुविधा फिर से चालू की गई है. इन किसानों से 9 मई तक गेंहू खरीदा जाएगा.
मालूम हो कि मध्य प्रदेश में किसानों को प्रति क्विंटल गेहूं के लिए 2425 रुपये एमएसपी और इसके ऊपर 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दिया जा रहा है यानी कुल मिलाकर 2600 रुपये प्रति क्विंटल. इसे लेकर सीएम यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश में ही गेहूं किसानों को सबसे ज्यादा कीमत दी जा रही है. अन्य कोई राज्य किसानों को गेहूं का इतना भाव नहीं दे रहा है.