ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में मूंगफली समेत अन्य फसलों की खेती का बढ़ा रकबा, किसानों को हो रहा लाभ

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में मूंगफली समेत अन्य फसलों की खेती का बढ़ा रकबा, किसानों को हो रहा लाभ

कभी कभार कम बारिश की स्थिति और अनियमित म़ॉनसून धान को छोड़कर दूसरे फसलों के लिए लाभदायक होती है. इन फसलों के साथ सबसे अच्छी बात यह होती है कि इन्हें बुवाई के लिए कम बारिश की जरुरत होती है और बाद में कम नमी में भी इसकी पैदावार अच्छी हो जाती है.

मकई के खेत                                  फोटोः किसान तकमकई के खेत फोटोः किसान तक
पवन कुमार
  • Ranchi,
  • Sep 18, 2023,
  • Updated Sep 18, 2023, 10:16 AM IST

ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले में इस बार बारिश की अनियमितता के कारण धान की खेती प्रभावित हुई है. क्योंकि इस जिले की कृषि पूरी तरह से वर्षा आधारित है. बारिश की कमी के कारण इस बार जिले में खरीफ सीजन में धान को छोड़कर दूसरी फसलों की खेती पर ध्यान केंद्रित किया गया था. इसका फायदा यह हुआ है कि गैर धान फसलों की खेती का रकबा 1.01 लाख से बढ़कर 1.17 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसके तहत धान से अधिक मुनाफा देने वाली फसलों के विविधिकरण पर ध्यान दिया और खेती की गई थी. इसका फायदा यहां के किसानों को मिल रहा है. 

दरअसल कभी कभार कम बारिश की स्थिति और अनियमित म़ॉनसून धान को छोड़कर दूसरे फसलों के लिए लाभदायक होती है. इन फसलों के साथ सबसे अच्छी बात यह होती है कि इन्हें बुवाई के लिए कम बारिश की जरुरत होती है और बाद में कम नमी में भी इसकी पैदावार अच्छी हो जाती है. द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबरके मुताबिक कृषि विभाग मे जिले में धान की खेती करने के लिए 2.12 लाख हेक्टेयर और गैर धान फसलीय धान की खेती के लिए 1.01 लाख हेक्टेयर में धान की खेती करने का लक्ष्य रखा था. हालांकि उचाई वाली जिन जमीनों पर धान की खेती खेती होती है उन जमीनों में भी गैर धान की खेती करने की छूट प्रदान की गई थी. 

ऊंचाई वाली जमीन में धान की खेती पर खतरा

सुंदरगढ़ जिले के मुख्य जिला कृषि पदाधिकारी हरिहर नायक ने कहा कि जिले में ऊंची जमीन के एक बड़े हिस्से में पारंपरिक तरीके से धान की खेती की जाती है. यह बात अलग है कि ऊंचाई वाले जमीन पर धान की पैदावार कम होती है  कम बारिश होने की स्थिति में नुकसान होने का खतरा बना रहता है. इसलिए जमीन की प्रकृति को देखते हुए ऊंचाई वाली जमीन पर भी फसल विविधीकरण करने का फैसला किया गया. हरिहर नायक ने कहा कि सुंदरगढ़ जिले के विभिन्न हिस्सों में जुलाई के आखिर से गैर धान फसलों की बुवाई चल रही है.

जुलाई महीने के अंत से शुरू हुई थी बुवाई

सुंदरगढ़ में गैर धान फसलों के आच्छादन लक्ष्य को हासिल करने के लिए किसानों गैर धान की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. 1.17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को आच्छादित करने के लिए शुरुआती दौर में जिले में किसानों के बीच मूंगफली, मूंग, अरहर और सब्जियों की खेती की गई. शुरुआती चरण में जो मूंगफली बोई गई थी वो अब परिपक्व होने की स्थिति में है बाकी अन्य सब्जियों का भी फलन हो रहा है. 


 

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