झारखंड में इस बार अभी तक सामान्य से कम बारिश हुई है. इसे लेकर किसान थोड़े चिंतित हैं. इस समय किसान कैसे खेती करें, इसे लेकर मौसम विभाग ने कृषि सलाह जारी की है ताकि किसानों को अधिक नुकसान का सामना नहीं करना पड़े. किसानों के लिए जारी सामान्य सलाह में कहा गया है कि जिन किसानों के खेत अभी भी खाली पड़े हुए हैं और उसमें नमी है तो बुवाई विधि से विभिन्न फसलों की बुवाई कर दें. जिन किसानों ने पहले ही बुवाई कर दी है और अगर सही तरीके से बीज का अंकुरण नहीं हो पाया है तो खाली पड़ी जगहों पर फिर से बुवाई कर दें. जिन जगहों पर पौधों की संख्या अधिक हो गई हो, वहां से पौधे उखाड़कर खाली जगहों पर लगा दें.
जिन खेतों में फसलों की बुवाई के बाद 20-25 दिन हो चुका है, उन खेतों में खरपतवार नियंत्रण के लिए निकाई-गुड़ाई करें. इसके बाद खेत में यूरिया का भुरकाव करें. जिन खेतों में किसान धान की रोपाई करना चाहते हैं, उन खेतों में उचित जलभराव करने के लिए मेड़ों को दुरुस्त करें. खेतों की जुताई करें और छोड़ दें. इससे जलभराव अच्छे से होता है. साथ ही खेत में मौजूद खरपतवार अच्छे से सड़ जाते हैं. खेत के निचले हिस्से में 10x10x10 आकार का गड्ढा बना लें, जिसमें पानी जमा करें. इस पानी का इस्तेमाल बाद में बारिश नहीं होने पर सिंचाई के लिए किया जा सकता है.
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धान की खेती के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि जिन किसानों की नर्सरी में धान का पौधा 20 दिनों से अधिक का हो गया है, वे इसे रोपने की तैयारी कर सकते हैं. अगर खेत में पर्याप्त पानी है तो फिर किसान धान की रोपाई कर सकते हैं. जिन किसानों के खेत निचले इलाके में हैं और उसमें पानी जमा है तो उसमें धान की रोपाई शुरू कर सकते हैं. किसान धान की रोपाई में यह ध्यान रखें कि जो लंबी अवधि की किस्में हैं उनकी रोपाई पहले करें. नर्सरी से पौधे उखाड़ने से पहले खेत में पानी जमा कर लें, इससे पौधों को उखाड़ने में आसानी होगी और जड़ नहीं टूटेगा.
धान की रोपाई के लिए खेत तैयार करते समय किसान खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 32 किलोग्राम डीएपी और 20 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश प्रति एकड़ की दर से डालें. रोपाई के समय कतार से कतार की दूरी 20 सेंटीमीटर रखें और पौधों से पौधों की दूरी 15 सेंटीमीटर रखें. जिन किसानों ने धान की नर्सरी तैयार की है, वे उसका उचित ध्यान रखें. बेड में जलजमाव नहीं होने दे. पौधे अगर 10-15 दिनों के हो गए हैं तो फिर उसमें प्रति 100 वर्ग मीटर में दो किलोग्राम यूरिया का भुरकाव करें. जिन खेतों में धान की रोपाई करनी है, उसे जोतकर खुला छोड़ दें.
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धान की बुवाई के समय किसान खेत में 35 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की दर से डालें. इसके बाद खेत की निराई गुड़ाई करें. खेत में यूरिया डालने से पहले खेत से पानी निकाल दें. खाद डालने के एक दिन बाद फिर खेत में पानी भर सकते हैं. जिन किसानों ने धान की सीधी बुवाई की है, इस सप्ताह वे खरपतवार के नियंत्रण के लिए बिसपाइरीबैक सोडियम 10 प्रतिशत एससी का 15 मिली प्रति 16 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें.