झारखंड के रामगढ़ जिले से किसानों की अपनी फसल को लेकर एक दर्द बयां करने वाली तस्वीर सामने आई है. हमारे अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों की आखिर क्या है मजबूरी कि वे अपने मेहनत की उपज धान को औने पौने दामों में राइस मिल को बेचने को मजबूर हो रहे हैं, जबकि इस साल जिले में धान की बंपर पैदावार हुई है. पैदावार अधिक होने के बावजूद किसान खुश होने की जगह चिंतित देखे जा रहे हैं.
झारखंड में इस बार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाकर 2400 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है. इसके बावजूद किसान अपने धान को कम मूल्य पर बिचौलिए के जरिए राइस मिल को बेच रहे हैं. राइस मिल भी खुलेआम किसानों के धान को बिचौलिए के जरिए खरीद रहे हैं.
किसानों का जल्दबाजी में धान बेचने के पीछे सबसे बड़ा कारण बताया जा रहा है समय पर पैक्स में धान की खरीदारी नहीं होना. इसके साथ ही उन्हें धान की पूरी राशि एकमुश्त एक साथ नहीं रही है, क्योंकि ज्यादातर किसान उधार पर पैसे लेकर धान की खेती करते हैं. ऐसे में वो चाहते हैं कि जल्द से जल्द धान बेचकर उधार के पैसे चुका दें. इसके अलावा कई किसान धान की कटाई के बाद दूसरी फसल को तुरंत लगाना चाहते हैं. इसके लिए उन्हें पैसे की जरूरत होती है जो धान बेचकर पूरी हो जाती है. धान बेचकर वे दूसरी फसल की तैयारी में जुट जाते हैं.
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एक किसान सुरेश महतो बताते हैं कि पैक्स अभी तक खुला नहीं है. राइस मिल वाले बिचौलिया रखे हुए हैं. वे औने पौने दामों पर धान खरीदकर राइस मिल को दे देते हैं. वहीं एक दूसरे किसान मुकेश महतो ने बताया कि वे राइस मिल में धान ले जा रहे हैं जहां रेट 18.75 रुपये प्रति किलो है. पैक्स में बहुत लेट से पैसा मिलता है और यहां तुरंत मिलता है. वे कहते हैं, हमलोग किसान हैं, उतनी आमदनी नहीं है कि अधिक दिनों तक बर्दाश्त कर सकें, यहां तुरंत पैसा मिलता है.
मुकेश महतो ने कहा, अभी तक ट्रैक्टर से खेत जुताई का पैसा नहीं दिए हैं. धान मैसाई हुआ है उसका भी पैसा नहीं दिए हैं. किसान राजनाथ पटेल कहते हैं कि सरकार को रेट बढ़ाना चाहिए. हमलोग कर्ज लेकर फसल को उपजाते हैं, लेकिन रेट सही नहीं मिल पा रहा है. हमारे पास 35-36 क्विंटल धान है जिसे राइस मिल ले जा रहे हैं.
इस बात को मांडू के विधायक निर्मल महतो भी बाखूबी जानते हैं कि बिचौलिए किसानों को ठग कर औने पौने दाम पर धान खरीद रहे हैं. इसलिए वे पूरे झारखंड के किसानों से आग्रह करते हैं कि वे बिचौलियों से दूर रहें और जहां पर विक्रय केंद्र है, वहीं पर धान बेचें. वहां पर 2400 सौ रुपये भाव मिलेगा. दूसरी ओर बिचौलिए कौड़ी के दाम पर धान खरीद रहे हैं. बिचौलिए भोले भाले किसानों को ठगने का काम कर रहे हैं. विधायक ने कहा कि सरकारी केंद्रों पर धान बेचें और कोई शिकायत हो तो सीधा हमसे संपर्क करें.
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मांडू प्रखंड के कृषि सहकारिता पदाधिकारी मधुसूदन ठाकुर ने बताया कि मांडू प्रखंड अंतर्गत पांच जगहों पर पैक्स में धान अधिप्राप्ति केंद्र का उद्घाटन किया गया है. इसमें केंद्र सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 2300 रुपये और राज्य सरकार द्वारा बोनस 100 रुपये दिया जा रहा है. इस तरह किसानों को प्रति क्विंटल 2400 सौ रुपये का भाव मिल रहा है. कल 15 दिसंबर से पैक्स में धान की खरीदारी शुरू हुई है. रामगढ़ जिले में 24 पैक्स धान अधिप्राप्ति केंद्र बनाए गए हैं और पूरे जिले से 2 लाख क्विंटल धान खरीदारी का लक्ष्य रखा गया है.