हरियाणा में गन्ना किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा है कि राज्य सरकार गन्ना की कीमतें बढ़ाएंगी और जल्द की गन्ना किसानों के पक्ष में फैसला लिया जाएगा. गन्ने के दाम बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मंजूरी मिलने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा. कृषि मंत्री जेपी दलाल ने गन्ना नियंत्रण बोर्डा की बैठक के दौरान यह बातें कही और साथ ही कहा कि हरियाणा में गन्ने के दाम हमेशा देश में सबसे अधिक रहे हैं. हरियाणा सरकार ने इस साल जनवरी में गन्ने की कीमत में 10 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की घोषणा की थी. जिससे गन्ने की की दर बढ़कर 372 रुपये प्रति क्विंटल हो गई.
हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई है जबकि दिल्ली में प्रदूषण के लिए हरियाणा में पराली जलाने की घटना को जिम्मेदार बताया जाता है. उन्होंनेक कहा कि पंजाब में हरियाणा से चार से पांच गुणा अधिक पराली जलाने की घटनाएं होती है. नासा की तरफ से जारी सैटेलाइट तस्वीरों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम हुई है. मंत्री ने कहा कि पड़ोसी राज्यों में धान की पराली जलाने की घटनाओं को रोकने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.
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उन्होंने कहा कि धान की पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार ने उल्लेखनीय काम किया है. किसानों को गांठे बनाने के लिए सब्सिडी पर मशीन उपबल्ध करायी जा रही है, किसान इसका लाभ ले रहे हैं. इसलिए पराली जलाने के मामले को लेकर हरियाणा के किसानों को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए. वहीं राज्य में उर्रवरक की उपलब्धता पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है. पिछले वर्ष सितंबर-अक्टूबर के दौरान किसानों को 2.23 मीट्रिक टन उर्वरक वितरित किया गया था, जबकि इस वर्ष 2.46 मीट्रिक टन वितरित किया गया है. उन्होंने कहा कि मौजूदा स्टॉक 50,000 मीट्रिक टन है.
गन्ने के मुद्दे पर जेपी दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार ने पेराई सत्र 2022-23 के दौरान गन्ना किसानों को 2,819 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. मंत्री ने कहा कि बैठक के दौरान गन्ना किसानों और मिलों की स्थिति, चीनी की कीमतें और पिछले वर्ष के आकलन समेत भविष्य की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई. 2021-22 के गन्ना पेराई सत्र के दौरान चीनी मिलों ने 754.50 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की और चीनी की रिकवरी 9.47 फीसदी रही. वहीं, पिछले साल की तुलना में इस बार गन्ना पेराई और रिकवरी में बढ़ोतरी हुई है. कृषि मंत्री ने कहा कि 2022-23 के गन्ना पेराई सत्र में विभिन्न चीनी मिलों ने 770.73 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की, जिसमें 9.70 प्रतिशत की चीनी रिकवरी हुई.
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मनी कंट्रोल की खबर के मुताबिक कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 में 962 लाख क्विंटल गन्ना उत्पादन का अनुमान है. उन्होंने कहा कि गन्ने की नई किस्म-15023 विकसित की गई है, जो मौजूदा किस्म-238 से बेहतर है. इसलिए विभाग के अधिकारियों को इस प्रजाति का बीज तैयार करने का निर्देश दिया गया है. इस प्रयोजन के लिए, सरकार उन किसानों से गन्ना खरीदेगी जिन्होंने नई किस्म की खेती की है और इसे बीज तैयार करने के लिए अन्य किसानों को प्रदान करेगी. उन्होंने कहा कि दोनों किसानों को प्रोत्साहन राशि भी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि चीनी मिलों की आय बढ़ाने के विकल्प के रूप में मिलों में इथेनॉल प्लांट की स्थापना में तेजी लाने के निर्देश दिये गये हैं. इथेनॉल निकालने की तीन तकनीकें उपलब्ध हैं और अधिकारियों को तीनों तकनीकों का अध्ययन करने का निर्देश दिया गया है. ताकि मिलों को व्यावसायिक रूप से लाभ हो सके. दलाल ने कहा, पहले से ही निजी मिलों में इथेनॉल संयंत्र चल रहे हैं और उनकी क्षमता बढ़ा दी गई है.