Haryana Elections: देवीलाल के गढ़ में बीजेपी के दीपक हुड्डा, क्‍या कबड्डी के 'महारथी' को मिलेगी मुकाबले में जीत?

Haryana Elections: देवीलाल के गढ़ में बीजेपी के दीपक हुड्डा, क्‍या कबड्डी के 'महारथी' को मिलेगी मुकाबले में जीत?

महम विधानसभा क्षेत्र को कभी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का गढ़ माना जाता था. वह यहां से साल 1982, 1985 और 1987 में विधायक बने. इसके बाद कांग्रेस के आनंद सिंह डांगी चार बार 1991, 2005, 2009 और 2014 में विधायक चुने गए और यह विधानसभा क्षेत्र उनका गढ़ बन गया.साल 2019 के विधानसभा चुनाव में डांगी को निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुंडू ने 12,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था.

महम में दीपक हुड्डा को जीत का यकीन महम में दीपक हुड्डा को जीत का यकीन
क‍िसान तक
  • New Delhi ,
  • Sep 21, 2024,
  • Updated Sep 21, 2024, 2:26 PM IST

हरियाणा के विधानसभा चुनावों में अब बस कुछ ही समय बचा है और सभी राजनीतिक दलों ने इन चुनावों के लिए कमर कस ली है. यूं तो इस बार चुनाव में कई दिलचस्‍प मुकाबले होने वाले हैं लेकिन सबसे ज्‍यादा रोमांचक मुकाबला होने वाला है रोहतक की मेहम विधानसभा सीट पर. यहां पर इस बार भारतीय कबड्डी के कैप्‍टन रहे दीपक हुड्डा का मुकाबला कई पुराने राजनीतिक महारथियों के साथ है. दीपक को कबड्डी मैचों में अपने विरोधियों से निपटने के लिए जाना जाता है लेकिन इस बार वह एक अलग तरह के मुकाबले में अपने प्रतिद्वंद्वियों का सामना करने वाले हैं. 

रोहतक के मेहम से मैदान में दीपक 

हुड्डा को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए रोहतक जिले के जाट बहुल मेहम विधानसभा क्षेत्र से टिकट दिया है और यहां पर वह एक दिलचस्‍प चुनावी मुकाबले में हैं. हुड्डा ने कहा, 'कोई भी मेहम में कमल खिलने से नहीं रोक पाएगा.' उन्होंने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी इस निर्वाचन क्षेत्र से अपनी पहली चुनावी जीत का स्वाद चखेगी. अर्जुन पुरस्कार विजेता 30 साल के हुड्डा रोहतक के चमारिया गांव के रहने वाले हैं. वह साल 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों में गोल्‍ड मेडल जीतने वाली भारतीय कबड्डी टीम का हिस्सा थे. दीपक प्रो कबड्डी लीग का भी हिस्सा रहे हैं. हुड्डा की पत्‍नी स्वीटी बूरा भी एक इंटरनेशनल बॉक्‍सर हैं. दोनों करीब छह महीने पहले बीजेपी में में शामिल हुए थे. राजनीति के नौसिखिए हुड्डा ने कहा कि वह चुनाव प्रचार के लिए घर-घर जा रहे हैं और महम विधानसभा क्षेत्र के लोगों से अपार समर्थन प्राप्त कर रहे हैं. 

महम रहा है देवीलाल का गढ़ 

महम विधानसभा क्षेत्र को कभी पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल का गढ़ माना जाता था. वह यहां से साल 1982, 1985 और 1987 में विधायक बने. इसके बाद कांग्रेस के आनंद सिंह डांगी चार बार 1991, 2005, 2009 और 2014 में विधायक चुने गए और यह विधानसभा क्षेत्र उनका गढ़ बन गया.  साल 2019 के विधानसभा चुनाव में डांगी को निर्दलीय उम्मीदवार बलराज कुंडू ने 12,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया था. बीजेपी के हुड्डा का मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व विधायक आनंद सिंह डांगी के बेटे बलराम डांगी और मौजूदा विधायक बलराज कुंडू से है, जिन्होंने हरियाणा जनसेवक पार्टी बनाई है. बागी बीजेपी नेता शमशेर सिंह खरकड़ा की पत्‍नी राधा अहलावत भी इस सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रही हैं. खरकड़ा ने 2014 और 2019 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 

चुनाव जीते तो क्‍या-क्‍या करेंगे हुड्डा 

हुड्डा ने कुंडू और पिछले विधायकों पर क्षेत्र के विकास के लिए कुछ नहीं करने का आरोप लगाया. हुड्डा ने कहा कि बलराज कुंडू ने क्षेत्र में विकास के लिए कुछ नहीं किया.  उन्होंने कहा कि सड़कों की हालत बहुत खराब है और जलभराव की समस्या है. उनका कहना था कि लोगों ने पिछले चुनाव में कुंडू को वोट दिया था क्योंकि वो पूर्व विधायक डांगी से 'तंग' आ चुके थे. हुड्डा ने वादा किया कि अगर वह चुनाव जीतते हैं तो उनकी पहली प्राथमिकता सड़कों, गलियों की हालत सुधारने की होगी. साथ ही वह बाकी स्थानीय मुद्दों का भी समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि वह  यहां एक खेल विश्वविद्यालय लाने, खेल केंद्र स्थापित करने के लिए भी काम करेंगे और साथ ही क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज या इंजीनियरिंग कॉलेज की मांग की जाएगी. 

इस बार महम में खिलेगा कमल! 

यह पूछे जाने पर कि चुनावी मुकाबले में वे किसे अपना मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी मानते हैं, हुड्डा ने कहा कि मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. हुड्डा ने कांग्रेस उम्मीदवार बलराम डांगी की आलोचना की, जो चार बार विधायक रहे आनंद सिंह डांगी के बेटे हैं. हुड्डा ने दावा किया है कि महम विधानसभा क्षेत्र के लोग कह रहे हैं कि उन्होंने डांगी से ज्यादा अहंकारी व्यक्ति नहीं देखा. वह लोगों के 'राम राम' (किसी का अभिवादन करने का तरीका) को भी स्वीकार नहीं करते. ऐसे में उन्‍हें नहीं लगता है कि महम में कमल खिलने से कोई रोक पाएगा. उनकी मानें तो इस बार यह एक रिकॉर्ड होगा. हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को मतदान होगा और 8 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी.

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