Poultry Management: पोल्ट्री फार्म में कितना होना चाहिए तापमान, ठंड का मुर्गियों पर क्या होता है असर 

Poultry Management: पोल्ट्री फार्म में कितना होना चाहिए तापमान, ठंड का मुर्गियों पर क्या होता है असर 

पोल्ट्री फार्म में पलने वालीं मुर्गियों को भी ठंड में ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. खासतौर पर जब बदलता मौसम हो या ठंड का. क्योंकि एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम कोई भी हो, लेकिन पोल्ट्री फार्म के अंदर एक तय तापमान की जरूरत होती है. 

ओडिशा में 10 से ज्यादा मुर्गियों की जांच में एवियन फ्लू का खुलासा हुआ है. ओडिशा में 10 से ज्यादा मुर्गियों की जांच में एवियन फ्लू का खुलासा हुआ है.
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 20, 2025,
  • Updated Jan 20, 2025, 6:13 PM IST

बदलता मौसम छोटे-बड़े पशुओं को तो परेशान करता ही है, साथ में पक्षी भी इससे बहुत परेशान रहते हैं. यहां तक की चाक-चौबंद व्यवस्था वाले पोल्ट्री फार्म में मुर्गियां भी ठंड से परेशान हो जाती हैं. ठंड के चलते ही मुर्गियों के उत्पादन पर भी इसका असर पड़ता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि मौसम गर्मी का हो या सर्दी-बरसात का, पोल्ट्री फार्म में एक तय मानक के हिसाब से ही तापमान चाहिए. मतलब मानक से ना कम और ना ज्यादा. तापमान अगर जरा भी कम-ज्यादा होता है तो कई बार मुर्गियों की जान पर भी बन आती है. 

मुर्गियों के बीमार पड़ने से पोल्ट्री फार्मर को दोहरा नुकसान उठाना पड़ता है.एक्सपर्ट का कहना है मुर्गियां बहुत ही ज्यादा सेंसेटिव होती हैं. जरा सी सर्दी में भी परेशान हो जाती हैं. जबकि सर्दी के मौसम से हर कोई वाकिफ है. बात मैदानी इलाके की हो या फिर पहाड़ी इलाके की, होती कड़ाके की है. कई बार तो कई-कई दिन तक सूरज भी नहीं निकलता है. कुछ जगह तो ऐसी भी हैं जहां तापमान दो से तीन डिग्री तक चला जाता है. 

ये भी पढ़ें- Stray Animal: दूध ना देने वाले पशुओं को पालने पर मिले सब्सिडी, संसद की इस कमेटी ने की मांग

मुर्गियों के 70 से 80 अंडे कम देने की ये है वजह 

पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक मुर्गियों किसी भी तरह के मौसम में खुद को असहज महसूस करती हैं. और इसका सीधा असर अंडे और चिकन के उत्पादन पर पड़ता है. उत्पादन बना रहे इसके लिए सर्दी-गर्मी हर तरह के मौसम में मानक के हिसाब से पोल्ट्री फार्म में तापमान को बनाए रखना चाहिए. साल में 365 दिन होते हैं. जबकि अंडा देने वाली लेयर बर्ड (मुर्गी) एक साल में 285 310 तक ही अंडे देती है. 55 से 80 दिन अंडा न देने के पीछे एक्सपर्ट वैसे तो बहुत सारी वजह बताते हैं, लेकिन कुछ ऐसी बातें भी हैं जिनसे मुर्गी असहज महसूस करती है. अगर इसकी रोजमर्रा की जिंदगी में कुछ भी थोड़ा सा अलग होता है तो यह अंडा देना बंद कर देती है. 

सभी मौसम में 25 से 26 डिग्री चाहिए तापमान

पोल्ट्री एक्सपर्ट चरनजीत सिंह का कहना है कि अंडे देने वाली लेयर मुर्गियां हो या फिर ब्रॉयलर चिकन सभी को पोल्ट्री फार्म में 25 से 26 डिग्री तापमान की जरूरत होती है. अगर तापमान इससे कम या ज्यादा होता है तो मुर्गियां परेशान होने लगती हैं. मुर्गियों को मौसम की इस परेशानी से बचाने के लिए पोल्ट्री फार्म में तापमान बताने वाले उपकरण लगाए जाते हैं. जैसे सर्दी के मौसम में तापमान चार से पांच डिग्री तक चला जाता है. तो ऐसे तापमान में मुर्गियां ठंड की चपेट में न आएं और उन्हें गर्मी मिलती रहे इसके लिए फार्म में ब्रूडर लगाए जाते हैं.

यह हीटर की तरह से काम करते हैं. ब्रूडर गैस और बिजली दोनों से ही काम करते हैं. ब्रूडर का इस्तेमाल खासतौर पर अंडे देने वाली लेयर मुर्गी के फार्म में किया जाता है. ब्रॉयलर चिकन के बड़े-बड़े फार्म में भी ब्रूडर का इस्तेंमाल होता है. लेकिन कुछ जगहों पर जहां संख्या कम होती है वहां लकड़ी का बुरादा और कोयले जलाकर भी ब्रॉयलर चिकन को गर्माहट दी जाती है.    

ये भी पढ़ें- Poultry Egg: “पांच-छह साल में हम अंडा एक्सपोर्ट को दो सौ से तीन सौ करोड़ पर ले जाएंगे”

 

  

MORE NEWS

Read more!