पोल्ट्री सेक्टर में चिकन के लिए ब्रॉयलर फार्म चलाना अब उतना आसान नहीं रह गया है जितना पहले हुआ करता था. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि उत्पादन की चुनौतियों के अलावा पोल्ट्री फार्मर के सामने अब नई-नई कई और भी चुनौतियां हैं. सबसे बड़ी चुनौती तो बर्ड फ्लू की है. साल 2004 से ही इसका असर इंडियन पोल्ट्री पर देखा जा रहा है. आज हाल ये है कि कभी भी किसी भी शहर और राज्य से बर्ड फ्लू की खबर आ जाती है. पहली बार महाराष्ट्र के फार्म में बर्ड फ्लू के केस पाए गए थे.
लेकिन अच्छी बात ये है कि एक्सपर्ट ने इससे बचने का तरीका निकाल लिया है. अब बर्ड फ्लू से उतना नुकसान नहीं होता जितना पहले हुआ करता था. पोल्ट्री सेक्टर से जुड़े कारोबारियों की शिकायत है कि आज बर्ड फ्लू से ज्यादा उसे कवर करने वाली मीडिया की खबरों से होता है. साल 2020 से कोविड आने के बाद पोल्ट्री सेक्टर का जोखिम और बढ़ गया है.
ये भी पढ़ें: Azolla Explainer: अजोला खाने से सिर्फ दूध ही नहीं पशुओं की उम्र भी बढ़ती है, मुर्गियों के लिए भी है फायदेमंद
ये हैं ब्रॉयलर पोल्ट्री फार्म की चुनौतियां
- डिमांड से ज्यादा ब्रॉयलर मुर्गों का उत्पादन हो रहा है.
- बाजार और पोल्ट्री फार्म से जुड़े लोगों के बीच कोऑर्डिनेशन की कमी है.
- पोल्ट्री सेक्टर में उत्पादन और डिमांड का डेटा नहीं है.
- कच्चा माल जैसे फीड की डिमांड लगातार बढ़ रही है.
- बाजार में हर रोज पोल्ट्री फीड महंगा हो रहा है.
- विश्व में होने वाली हलचल जैसे यूक्रेन-रूस की लड़ाई के चलते कीमतों पर असर पड़ता है.
- चीन में बिजली संकट के चलते अमीनो एसिड की कीमतों पर उसका असर पड़ा.
- जीएम सोयाबीन और मक्का की डिमांड का पूरा ना होना.
- पशु कल्याण कार्यकर्ता पोल्ट्री फार्म में पिंजरे पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं.
- मेरी जानकारी के अनुसार, उपरोक्त सभी चुनौतियाँ हमारे नियंत्रण से बाहर हैं।
- ग्रोथ बढ़ाने के साथ ही कम लागत वाला फीड तैयार करना.
- पुराने तौर-तरीकों पर कच्चे माल का इस्तेमाल किया जा रहा है.
- जरूरत है कि कम, त्यौहारी और ज्यादा डिमांड वाले मौसम के मुताबिक उत्पादन की योजना बनाई जाए.
- कच्चे माल और अमीनो एसिड जैसे फीड एडिटिव्स के लिए इन्वेंट्री की योजना बनाई जाए.
- कारोबार से जुड़े सभी लोग बाजार की जानकारी से अपडेट रहें.
- चिकन की खपत को बढ़ावा देने के लिए प्रचार का सहारा लिया जाए.
- बीमारी की चुनौतियों, इसकी रोकथाम और नियंत्रण पर काम किया जाए.
ये भी पढ़ें: मदर डेयरी और उत्तराखंड ने लांच किया गिर-बद्री गाय के दूध से बना घी और ट्रेसेबिलिटी सिस्टम