Artificial Insemination: हीट में आए पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराने जा रहे हैं, इन बातों का रखें खास ख्याल 

Artificial Insemination: हीट में आए पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराने जा रहे हैं, इन बातों का रखें खास ख्याल 

कृत्रिम गर्भाधान (एआई) कराने से पहले यह जांच-पड़ताल जरूर कर लें कि भरोसे के सीमन सेंटर से ही सीमन (वीर्य) खरीदा गया है. यहां तक की एआई कराते वक्त नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया हो. क्योंकि एआई ने पशुओं के मनपसंद बच्चे पैदा कराने को बहुत आसान बना दिया है. बस जरूरत इस बात की है कि एआई कराते वक्त पशुपालक जागरुक रहे.

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Apr 30, 2025,
  • Updated Apr 30, 2025, 3:41 PM IST

गाय-भैंस पालन है तो दूध से मुनाफा होता है, और अगर भेड़-बकरी पालन कर रहे हैं तो मीट से मुनाफा होता है. इन्हें एनिमल प्रोडक्ट भी कहा जाता है. लेकिन इनका उत्पादन तभी ज्यादा होगा जब पशु अपने तय समय के मुताबिक बच्चा देगा. हालांकि जरा सा अलर्ट रहते हुए पशुओं से हर साल बच्चा लिया जा सकता है. अब तो मनपसंद बच्चा लेना भी मुमकिन है. अब तो हीट में आए पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान (एआई) कराया जाता है. अगर आपको बकरी के ऐसे बच्चे चाहिए जिनकी बॉडी ग्रोथ तेजी से हो तो उसी तरह के बकरे के सीमन से बकरी को गाभि‍न कराया जाता है. 

और अगर ज्यादा दूध देने वाली गाय-भैंस चाहिए तो फिर ऐसे सांड के सीमन से एआई कराया जाता है जिसकी बेटियां ज्यादा दूध दे रही हों. एआई कराने से बहुत उम्मीद इस बात की रहती है कि आपका पशु ज्यादा उत्पादन देने वाला होगा. बस जरूरी ये है कि गाय-भैंस को जिस सीमन (वीर्य) से एआई करा रहे हैं वो उच्च क्वालिटी का होना चाहिए. 

एआई कराते वक्त इन नियमों का जरूर करें पालन   

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि पशु की उत्पादन क्षमता पर बहुत कुछ असर उसके मां-बाप का भी पड़ता है. मतलब उसकी मां कितना दूध देती थी. बच्चा देने के मामले में उसकी मां का प्रदर्शन कैसा था. उसका पिता किस कैटेगिरी का बुल था. उसके पिता से पैदा होने वाली भैंस कितना दूध देती थीं. यही वजह है कि जब भैंस को एआई कराएं तो उससे पहले वीर्य की अच्छी तरह से जांच कर लें. 

सबसे पहले तो ये कि वीर्य स्ट्रॉ जिस सीमन सेंटर से खरीदें वो 'ए' या 'बी' कैटेगिरी का हो. इतना ही नहीं जिस बुल यानि सांड का वीर्य ले रहे हैं उसके फैमिली ट्री को जरूर पढ़ लें. तीसरी सबसे खास बात ये कि सीमन कितना भी अच्छा हो या बुल का रिकॉर्ड कितना भी शानदार हो, लेकिन अगर एआई कराने वाला टेक्निमशि‍यन पूरी तरह से एक्सपर्ट नहीं है या फिर वो एआई के सभी नियमों का पालन नहीं करता है तो फिर ऐसे में एआई के कामयाब होने की उम्मीद कम रह जाती है. 

एआई से जुड़ी इन अफवाहों पर न दें ध्यान  

एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि एआई के बारे में कई तरह की अफवाहें फैलाई जाती हैं. एआई के बारे में कहा जाता है कि जिस गाय-भैंस को एआई कराया जाता है तो उससे पैदा होने वाले ज्यादातर बछड़े नर होते हैं. बच्चे कमजोर पैदा होते हैं और एआई कराने से दूध उत्पादन में कमी आ जाती है. हालांकि ये सभी बातें झूठ हैं. एआई कराने पर इसमें से कुछ भी नहीं होता है. एआई का पैदा होने वाले बछड़े पर कोई गलत असर नहीं पड़ता है.

ये भी पढ़ें- Animal Care: मई से सितम्बर तक गाय-भैंस के बाड़े में जरूर करें ये खास 15 काम, नहीं होंगी बीमार  

ये भी पढ़ें-Artificial Insemination: अप्रैल से जून तक हीट में आएंगी बकरियां, 25 रुपये में ऐसे पाएं मनपसंद बच्चा

 

MORE NEWS

Read more!