Buffalo: भैंस अगर सर्दियों में बच्चा दे रही है तो उसकी ऐसे करें देखभाल, नहीं होगी मौत

Buffalo: भैंस अगर सर्दियों में बच्चा दे रही है तो उसकी ऐसे करें देखभाल, नहीं होगी मौत

एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो खासतौर पर सर्दियों के मौसम में बच्चा होते ही उसकी खास देखभाल करनी होती है. वहीं अगर इस दौरान जरा सी भी लापरवाही हुई तो बच्चों की जन्म के साथ ही मौत भी हो जाती है. देखभाल अच्छी तरह से की तो बच्चा छह महीने का होते ही मुनाफा देने वाला बन जाता है. एक्सपर्ट भी साइंटीफिक तरीके से बच्चों की देखभाल करने की सलाह देते हैं.

बीमार पशुओं के साथ बरतें ये सावधानियां (Photo Credit-Kisan Tak)बीमार पशुओं के साथ बरतें ये सावधानियां (Photo Credit-Kisan Tak)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jan 06, 2025,
  • Updated Jan 06, 2025, 11:23 AM IST

पशुपालक छोटा हो या बड़ा हर किसी की एक ही चाहत होती है कि उसकी गाय या भैंस हर साल बच्चा दे. जिससे या तो उन्हें बेचकर या फिर पाल-पोसकर तैयार होने पर दूध उत्पादन से मुनाफा कमाए. लेकिन एनिमल एक्सपर्ट की मानें तो खासतौर पर सर्दियों के मौसम में बच्चा होते ही उसे खास देखभाल की जरूरत होती है. अगर इस दौरान जरा सी भी लापरवाही हुई तो बच्चे की जन्म के साथ ही मौत भी हो जाती है. और अगर देखभाल अच्छी तरह से की तो बच्चा छह महीने का होते ही मुनाफा देने वाला बन जाता है. 

हालांकि कुछ लोगों का मानना है कि एक पशुपालक को सिर्फ दूध बेचकर ही मुनाफा होता है. जबकि ऐसा है नहीं. रीप्रोडक्शन (प्रजनन) भी पशुपालक के मुनाफे का एक बड़ा सोर्स है. लेकिन किसी भी नस्ल की गाय-भैंस से हर साल बच्चा लेना इतना आसान नहीं है. और अगर हर साल बच्चा हो भी जाए तो फिर उसकी 20 दिन तक की देखभाल ऐसी है जैसे मौत के मुंह से निकालकर लाना. 

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गाय-भैंस के बच्चों की शुरु के 20 दिन ऐसे करें देखभाल

  • जन्म के फौरन बाद बच्चे को ज्यादातर भैंस के सामने रखें. 
  • बच्चा सामने होने पर भैंस उसे चाटकर साफ करती है. 
  • बच्चे को चाटने से उसकी त्वचा जल्दी सूख जाती है.
  • भैंस द्वारा बच्चे को चाटने पर उसके शरीर का तापमान नहीं गिरता है. 
  • चाटने से बच्चे का शरीर साफ हो जाता है खून दौड़ने लगता है. 
  • चाटने से भैंस और बच्चे के बीच दुलार बढ़ता है.
  • बच्चे को चाटने से भैंस को सॉल्ट और प्रोटीन मिलता है. 
  • भैंस बच्चे को नहीं चाटती है तो उसे साफ तौलिए से रगड़ दें.
  • बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो तो उसकी छाती की मालिश कर दें. 
  • ठीक से सांस ना आने पर बच्चे की पिछली टांगें पकड़ कर उल्टा लटकाएं.
  • जिस जगह से नाल काटी गई है वहां टिंचर आयोडीन लगा दें.
  • जन्म लेने के एक-दो घंटे के अंदर बच्चे को भैंस की खीस जरूर पिलाएं. 
  • बच्चे को खीस पिलाने के लिए भैंस की जेर गिरने का इंतजार ना करें.
  • बच्चे को उसके वजन का 10 फीसद दूध पिलाना चाहिए. 
  • पहला दूध पीने के बाद बच्चे का दो घंटे के अंदर गोबर करना जरूरी है. 
  • 10 दिन की उम्र पर बच्चे को पेट के कीड़ों की दवा जरूर पिला दें. 

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