मुर्गी अंडा देने वाली हो या चिकन के लिए तैयार होने वाली, उस पर सबसे ज्यादा खतरा बीमारियों का मडराता है. और ये बीमारियां ही एक पोल्ट्री फार्मर की लागत को बढ़ाती हैं. पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि पोल्ट्री फार्मर को जो दो बड़ी बीमारियां सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं वो बर्ड फ्लू और रानी खेत हैं. रानी खेत बीमारी से तो फिर भी मुर्गे-मुर्गियां 100-50 की संख्या में धीरे-धीरे मरते हैं, लेकिन बर्ड फ्लू से तो पूरा पोल्ट्री फार्म ही साफ हो जाता है. ये वो बीमारी है जो पोल्ट्री फार्मर को पोल्ट्री फार्म पर ताला लगाने के लिए मजबूर कर देती है.
वैसे भी अब क्लाइमेट चेंज के चलते मुर्गियां आए दिन किसी ना किसी बीमारी की चपेट में आती रहती हैं. लेकिन पोल्ट्री एक्सपर्ट की मानें तो कुछ चीजें ऐसी हैं जिनका पोल्ट्री फार्म में लगातार इस्तेमाल करने से मुर्गियों की मौत और बीमारी पर होने वाले खर्च से बचा जा सकता है. इसके लिए जरूरी है कि फार्म को बीमारियों और संक्रमण से बचाने के लिए पोल्ट्री फार्म में मौजूद वेस्ट, कार्बनिक और दूसरा ऐसा वेस्ट जिसका कीटाणुशोधन नहीं किया जा सकता है उसे कहीं दूर नष्ट कर दें.
ये भी पढ़ें: मदर डेयरी और उत्तराखंड ने लांच किया गिर-बद्री गाय के दूध से बना घी और ट्रेसेबिलिटी सिस्टम
पोल्ट्री फार्म और उपकरणों की ऐसे करें सफाई
- हैचरी, अंडा स्टोर रूम, पैकेजिंग रूम, अंडा ट्रॉली, अंडा उत्पाद प्लांट को ठीक से कीटाणुरहित करना चाहिए.
- मुर्गियों, अंडों की ढुलाई, पोल्ट्री फीड की ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों को भी कीटाणुरहित करें.
- फार्म में जहां संक्रमण फैला हो वहां दीवारों, फर्श और छतों की धुलाई और कीटाणुशोधन किया जाना चाहिए.
- मुर्गियों के केज (पिंजरे) को हीट देकर कीटाणुरहित किया जा सकता है.
- फार्म में पानी पीने और फीड खाने वाले उपकरण को कम से कम 48 घंटों तक धोया जाना चाहिए. कीटाणुनाशक ट्रीटमेंट भी देना चाहिए.
- फार्म में जहां पीने का पानी स्टोर किया जाता है उसे भी खाली कर अच्छी तरह से धोना और कीटाणुरहित किया जाना चाहिए.
- फीड टैंक (साइलो) को खाली करके गर्म पानी के प्रेशर पंप से धोना चाहिए.
- धोने और कीटाणुरहित करने के बाद फार्म की सभी यूनिट को सप्ताह में दो बार धूम्रीकरण करें.
- फार्म के मजदूरों और आने वाले अधिकारियों के हाथ, पैर साफ करने के लिए रेक्टिफाइड स्पिरिट या सेवलॉन, डेटॉल का इस्तेमाल करना चाहिए.
- जूते साफ करने के लिए फुट मैट पर एंट्री गेट के पास ही NaOH के 2 फीसद घोल का इस्तेमाल करना चाहिए.
- NaOH के 2 फीसद घोल का इस्तेमाल गमबूट और अन्य वस्तुओं को साफ करने के लिए किया जा सकता है.
- सोडियम हाइपोक्लोराइट: 2 फीसद सक्रिय क्लोरीन घोल (उपकरणों को कीटाणुशोधन करने के लिए).
- क्वाटरनेरी अमोनियम लवण: 4 फीसद घोल (दीवारों, फर्शों, छतों और उपकरणों को ट्रीट करने के लिए).
- कैल्शियम हाइड्रोक्साइड: 3 फीसद घोल (दीवारों और फर्शों का उपचार करने के लिए).
- क्रेसोलिक एसिड 2.2 फीसद घोल: (फर्श का उपचार करने के लिए).
- सिंथेटिक फिनोल 2 फीसद घोल: (फर्शों का उपचार करने को).
- धूम्रीकरण के लिए फॉर्मेलिन और परमैंगनेट का इस्तेमाल करें.
- अंडे और अंडे के उत्पादों को पशुओं के शवों के साथ गड्ढे में दफनाने के साथ जला भी सकते हैं.
- खराब और बचे हुए फीड को अधिक सुविधाजनक तरीके से जलाया जा सकता है.
- मरी हुई मुर्गियों को नष्ट करने में लगे कर्मचारियों के सुरक्षात्मक कपड़ों को भी जला देना चाहिए.
ये भी पढ़ें: Glanders: घोड़े, गधे और खच्चरों के आने-जाने पर लगाया बैन, जाने किस राज्य ने लिया फैसला