पीएम नरेन्द्र मोदी लगातार पशुओं में होने वाली जानलेवा बीमारी खुरपका-मुंहपका (एफएमडी) के बारे में बात कर रहे हैं. हाल ही में पीएम मोदी की जमुई, बिहार में एक रैली थी. रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आने वाले छह साल में एफएमडी बीमारी पर काबू पा लिया जाएगा. इससे पहले इसी साल फरवरी में गुजरात दौरे के वक्त भी पीएम ने इस खतरनाक बीमारी का जिक्र किया था. बजट के दौरान भी इस बीमारी को कंट्रोल करने के लिए बड़ी रकम दी गई थी.
पीएम मोदी लगातार पशुओं की इस बीमारी का जिक्र क्यों कर रहे हैं. बीमारी को खत्म करने के लिए छह साल का वक्त क्यों रखा गया है. इसका क्यात फायदा पशुपालकों और डेयरी कारोबारियों को मिलेगा. इस बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए किसान तक ने कुछ डेयरी एक्सपर्ट से बात कर जानी इसके पीछे की बड़ी वजह.
ये भी पढ़ें: IVRI: पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पांच राज्यों में बनाए जाएंगे पशु सीड विलेज, पढ़ें डिटेल
वीटा के प्लांट जनरल मैनेज चरनजीत सिंह ने किसान तक को बताया कि पशुओं के एफएमडी फ्री होने का सबसे बड़ा फायदा मीट और डेयरी सेक्टर को होगा. अभी हमारे देश से करीब 25 हजार करोड़ रुपये के बफेलो मीट का एक्सपोर्ट होता है. लेकिन एफएमडी के चलते अभी यूरोपियन यूनियन और विकसित देश हमारे ग्राहक नहीं हैं. लेकिन जैसे ही हमे एफएमडी फ्री जोन का सर्टिफिकेट मिलने लगेगा तो यह देश भी हमारे यहां से मीट की खरीदारी शुरू कर देंगे. यूरोपियन यूनियन और विकसित देश भी मीट का एक बड़ा बाजार हैं. इसक अलावा डेयरी प्रोडक्ट का एक्सपोर्ट भी हमारे यहां से 300 मिलियन का है, इसको भी एक बड़ी रफ्तार मिलेगी.
डेयरी एक्सपर्ट निर्वेश शर्मा का कहना है, ‘बहुत सारे राज्य में एफएमडी का टीकाकरण 90 और 95 फीसद से ऊपर पहुंच गया है. तीसरा चरण पूरा होने के साथ ही कई राज्यों में टीकाकरण का चौथा चरण शुरू हो चुका है. हालांकि पूरे देश को एफएमडी फ्री होने में अभी दो से तीन साल लग सकते हैं, लेकिन इस दौरान कुछ राज्य एफएमडी फ्री जोन घोषित होना शुरू हो जाएंगे. ऐसे राज्यों की रिपोर्ट वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन ऑफ एनिमल हैल्थ को सौंप देंगे. जिसके बाद वहां से एफएमडी फ्री जोन का सर्टिफिकेट मिल जाएगा.’
ये भी पढ़ें: Green Fodder: गर्मियों में हरे चारे की कमी को दूर करता है ये खास पेड़, पढ़ें डिटेल
मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक आंध्रा प्रदेश, तमिलनाडू, केरल, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, गुजरात, पंजाब, पश्चिम बंगाल, मिजोरम और मध्य प्रदेश में 90 और 95 फीसद से ज्यादा एफएमडी का टीकाकरण हो चुका है.