Maize Feed ‘हमारे देश में डेयरी सेक्टर 12 लाख करोड़, मछली पांच लाख करोड़ और अंडे-चिकन से जुड़ा पोल्ट्री कारोबार तीन लाख करोड़ का है. हर साल ये तेजी से बढ़ रहा है. और उम्मीद है कि देश पांच ट्रिलियन इकोनॉमी का जो सपना देख रहा है, उसे पूरा करने में पोल्ट्री अहम रोल निभाएगी. और इससे भी बड़ी बात ये है कि आज ग्रामीण क्षेत्र में प्रोटीन की जरूरत को पूरा करने में एक बड़ी हिस्सेदारी पोल्ट्री की है. लेकिन कुछ चीज ऐसी हैं जिन्हें पोल्ट्री सेक्टर अपने साथ गलत मान रहा है. लेकिन आने वाले समय में वो सब दूर हो जाएंगी और पोल्ट्री को राहत मिलेगी.’
ये कहना है सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का. हाल ही में वेट्स इन पोल्ट्री (वीआईपी) ने नेशनल सिंपोजियम का आयोजन किया था. चंडीगढ़ में आयोजित इस कार्यक्रम को पोल्ट्री सम्मिीट नाम दिया गया था. इसी कार्यक्रम में केन्द्रीय केन्द्रीय मंत्री ने पोल्ट्री फीड से जुड़ी परेशानियों को दूर करने का आश्वासन दिया है.
केन्द्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, हमे आज ग्रामीणों की इनकम बढ़ाने की जरूरत है. इतना ही नहीं प्रति व्यक्ति आय और ग्रोथ भी बढ़ानी होगी. और इस सब में डेयरी और पोल्ट्री सेक्टर का खास रोल होगा. क्योंकि एग्रीकल्चर ग्रुप में और जीडीपी ग्रोथ में डेयरी-पोल्ट्री सेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्र की प्रगति में एक अहम रोल निभाया है. पोल्ट्री सेक्टर के बारे में खास बात ये है कि खासतौर से पशु-पक्षी चिकित्सक और इस फील्ड में काम करने वाले वैज्ञानिकों ने काफी रिसर्च करके इस सेक्टर को बहुत ही संपन्न बनाया है. क्योंकि लोगों को प्रोटीन उपलब्ध कराने खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र में सस्ता और प्योर प्रोटीन खिलाने में पोल्ट्री का बड़ा योगदान है. और तो और देश में बड़े पैमाने पर पोल्ट्री का बढ़ता एक्सपोर्ट भी इकोनॉमी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
गडकरी ने सिंपोजियम को संबोधित करते हुए कहा कि हमें जानकारी है कि आज पोल्ट्री सेक्टर फीड की परेशानी से जूझ रहा है. क्योंकि पोल्ट्री फीड में शामिल मक्का की परेशानी चल रही है. और सबसे ज्यादा मक्का ही फीड में इस्तेमाल होती है. दरअसल जबसे हमने मक्का से एथेनॉल बनाना शुरू किया है, तभी से मक्का के दाम किसानों को अच्छे मिलने लगे हैं. किसानों की जो मक्का 1200 रुपए प्रति क्विंटल बिकती थी वो अब 2400 से 2600 रुपए क्विंटल के भाव से बिक रही है. लेकिन इसके चलते पोल्ट्री सेक्टर के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है. हालांकि अच्छी बात ये है कि इस साल मक्का की खेती तीन गुना बढ़ गई है. और मुझे उम्मीद है कि इस साल मक्का का दाम कम होगा. और जिस तरह की परेशानी का सामना पोल्ट्री सेक्टर कर रहा है वो दूर हो जाएगी.
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