भीषण गर्मी का असर दूध उत्पादन पर भी दिखने लगा है. कई राज्यों में दूध के उत्पादन में भारी गिरावट आई है. ऐसे में मांग और आपूर्ति में भारी अंतर आ गया है. इसी बीच खबर है कि गुवाहाटी में दिबृहत्तर गुवाहाटी गौ पालक संगठन ने शनिवार से दूध के थोक मूल्य में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है. अब दूध का नया थोक मूल्य 62 रुपये लीटर होगा, जबकि शहर के बाजारों में खुदरा मूल्य लगभग 75 रुपये प्रति लीटर होगा.
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, गौ पालक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष दिबाकर ढकाल के अनुसार, दूध उत्पादन के लिए इनपुट लागत में बहुत अधिक बढ़ोतरी के कारण मूल्य वृद्धि का निर्णय लिया गया है. दिबाकर ढकाल की माने तो पशुओं के चारे से लेकर दवाइयों, मजदूरी की कीमतों तक सब कुछ बढ़ गया है, जिससे हमारे लिए पिछले मूल्य पर दूध बेचना मुश्किल हो गया था. उन्होंने कहा कि मवेशियों के लिए आवश्यक चारा, गेहूं, चोकर, माज और टूटे चावल की कीमतें आसमान छू रही हैं. इसे देखते हुए, हमें कीमत बढ़ानी पड़ी.
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ढकाल ने इस तथ्य को स्वीकार किया कि आम आदमी इस बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्रभावित होगा, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि संगठन के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है. उन्होंने ग्राहकों से कीमतों में बढ़ोतरी बर्दाश्त करने का अनुरोध किया और उन्हें शुद्ध दूध की आपूर्ति जारी रखने का आश्वासन दिया. ढकाल ने सरकार से इस मुद्दे को हल करने के लिए एक तंत्र विकसित करने का भी आह्वान किया, क्योंकि लगातार बढ़ती कीमतों से किसी को कोई फायदा नहीं होगा. शहर में एक हजार से अधिक पशुपालक हैं जो सामूहिक रूप से प्रतिदिन 1.50 लाख लीटर से अधिक दूध का उत्पादन करते हैं.
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी से मिठाई सहित दूध से बने उत्पादों की कीमतों पर असर पड़ने की उम्मीद है. शहर के उलुबारी इलाके में मिठाई की दुकान चलाने वाले पंकज शर्मा ने कीमतों में बढ़ोतरी पर चिंता जताते हुए कहा कि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का निश्चित रूप से हम पर असर पड़ने वाला है. भले ही अब हमें ऊंचे दामों पर दूध खरीदना पड़े, लेकिन हम दूध उत्पादों और मिठाइयों की कीमतों में उसी हिसाब से बढ़ोतरी नहीं कर सकते, क्योंकि ग्राहक इतनी कीमत नहीं देना चाहेंगे. एक रसगुल्ला अब 15 रुपये में बिकता है, हम रातोंरात इसकी कीमत 20 रुपये नहीं बढ़ा सकते. आखिरकार, हमें ही नुकसान उठाना पड़ेगा.
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