Poultry-Dairy: आने वाले साल में आसमान छूएंगे दूध-मीट, अंडे के रेट! ये है वजह 

Poultry-Dairy: आने वाले साल में आसमान छूएंगे दूध-मीट, अंडे के रेट! ये है वजह 

एनिमल प्रोडक्ट सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट फीड और फोडर को लेकर बड़ी आशंका जता रहे हैं. और इस आशंका का आधार है मक्का, सोयामील, हरा और सूखा चारा. चारा एक्सपर्ट की मानें तो डेयरी सेक्टर के सामने इसका भी बड़ा संकट खड़ा हो गया है. आज देश में लगातार दोनों ही तरह के चारे की कमी देखने को मिल रही है. इतना ही नहीं दाम भी लगातार बढ़ रहे हैं.  

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Dec 08, 2024,
  • Updated Dec 08, 2024, 12:56 PM IST

दूध, मीट, अंडा और चिकन से जुड़े फूड सेक्टर की तरक्की किसी से छिपी नहीं है. अंडा-चिकन सात से आठ फीसद की दर से बढ़ रहा है. दूध बीते 10 साल में 52 फीसद की दर से बढ़ चुका है. आज भारत विश्व में दूध उत्पादन में पहले तो अंडा उत्पादन में तीसरे नंबर पर है. सालाना एक करोड़ टन मीट उत्पादन के साथ भारत कई बड़े देशों से आगे हैं. एक्सपर्ट की मानें तो हर साल ये सेक्टर छह से आठ फीसद की दर से लगातार बढ़ रहे हैं. वाकई में देश के लिए ये एक बड़ी खुशखबरी वाली बात है. लेकिन इसके साथ ही एक परेशानी आगे चलकर इंतजार कर रही है. 

इस परेशानी का असर एनिमल प्रोडक्ट के रेट और उत्पादन दोनों पर ही पड़ सकता है. दूध-मीट, अंडा महंगा होने के साथ ही बाजार में इसकी कमी का सामना करना पड़ सकता है. अगर एनिमल प्रोडक्ट सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट ये आशंका इसलिए जता रहे हैं कि ये दोनों ही सेक्टर फीड और फोडर पर टिके हैं. और फीड इंडस्ट्री की हालत ऐसी है कि डिमांड के मुताबिक रॉ मैटेरियल मिल नहीं रहा है, और अगर मिल भी जाता है तो उसके दाम बढ़े हुए हैं.

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दूध-मीट, अंडां पर आने वाली परेशानी की ये है वजह 

पोल्ट्री एक्सपर्ट रिकी थापर ने बताया कि पोल्ट्री फीड में मक्का का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. इसके साथ ही सोयामील भी इस्तेमाल की जाती है. लेकिन जिस तरह से अंडे-चिकन का प्रोडक्शन बढ़ रहा है उसी हिसाब से फीड की जरूरत भी पड़ रही है. अब जरा देश में सोयामील के उत्पादन पर एक नजर डाल लिजिए. साल 2023 में भारत में सोयाबीन का करीब 1.22 करोड़ टन उत्पादन हुआ था. और इसी साल ब्राजील में 16.9 करोड़ टन और यूएसए में 12 करोड़ टन सोयामील का उत्पादन हुआ था. तीनों देश के बीच उत्पादन का एक बड़ा अंतर साफ देखा जा सकता है. 

आने वाले साल में फीड डिमांड-सप्लाई अंतर बढ़ने की आशंका 

रिकी थापर ने ये भी बताया कि फीड एक्सपर्ट और एक मोटे अनुमान के मुताबिक आने वाले साल 2025-26 में फीड की डिमांड और सप्लाई का अंतर बढ़ सकता है. इसे इस तरह से देखा जा सकता है कि साल 2023 में एनिमल फीड का उत्पादन 5.30 करोड़ टन हुआ था. इस नंबर के साथ भारत फीड उत्पादन में विश्व में चौथे स्थान पर था. जबकि 2022 में 4.65 करोड़ टन उत्पादन हुआ था. यानि 13 फीसद ज्यादा. अब पोल्ट्री में ब्रॉयलर मुर्गे (चिकन) की बात करें तो उसके लिए 2022-23 में फीड की डिमांड 1.60 करोड़ टन थी. जबकि एक्सपर्ट के मुताबिक 2025-26 में इसके 1.86 करोड़ टन होने की उम्मीद है. अब अगर लेयर मुर्गी (अंडा देने वाली) के लिए फीड की बात करें तो 2022-23 में 1.19 करोड़ टन की डिमांड रही थी. वहीं 2025-26 में इसके 1.59 करोड़ टन होने की उम्मीद है. 

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डेयरी सेक्टर में भी बढ़ेगी फीड-फोडर की डिमांड

डेयरी सेक्टर में फीड की बात करें तो 1.60 करोड़ टन की डिमांड के बाद अब आने वाले 2025-26 में इसके बढ़कर करीब 2 करोड़ टन होने की उम्मीद है. वहीं एक्वा (फिशरीज) में 24 लाख टन से बढ़कर 31 लाख टन होने की उम्मीद है. अगर देश में फीड की कुल डिमांड के बारे में बात करें तो 2022 में 4.60 करोड़ टन थी. अब ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि ये 2025-26 में बढ़कर 5.70 करोड़ टन पर पहुंच जाएगी. अब अगर सभी तरह के फीड में सोयामील की बात करें तो इसकी डिमांड 60 लाख टन से बढ़कर 70 लाख टन से ज्यादा होने का अनुमान है.

 

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