बकरी पालन में प्योर नस्ल के बकरे-बकरियों का बड़ा महत्व है. गोट एक्सपर्ट की मानें तो पाले गए बकरे-बकरी अगर प्योर नस्ल के हैं तो बाजार में उनके अच्छे दाम मिल जाते हैं. दूध और मीट उत्पादन भी अच्छा होता है. बकरे-बकरियों की ग्रोथ भी अच्छी होती है. लेकिन परेशानी ये है कि बाजार में प्योर नस्ल के बकरे-बकरी आसानी से नहीं मिलते हैं. कई बार तो कुछ लोग फ्रॉड करते हुए प्योर नस्ल के बकरे-बकरी बताकर मिक्स ब्रीड के बकरे-बकरी बेच देते हैं.
अगर आप भी बकरी पालन करने जा रहे हैं और आपको प्योर नस्ल के बकरे-बकरी चाहिए तो इसके लिए केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (सीआईआरजी), मथुरा में संपर्क किया जा सकता है. इस संस्थान में प्योर नस्ल के बकरे-बकरी पशुपालकों को दिए जाते हैं. सीआईआरजी में बकरी और भेड़ पालन की ट्रेनिंग भी कराई जाती है. ट्रेनिंग के बाद डिमांड के मुताबिक प्योर नस्ल के बकरे-बकरी भी दिए जाते हैं.
सीआईआरजी के डॉयरेक्टर डॉ. मनीष चेतली का कहना है कि हमारे संस्थान से बकरे-बकरी लेने के लिए सबसे पहली शर्त ये है कि संस्थान के निदेशक के नाम एक आवेदन पत्र देना होगा. जिस नस्ल के लिए आप आवेदन कर रहे हैं अगर उस नस्ल के बकरे-बकरी उस वक्त संस्थान में उपलब्ध हैं तो जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने के बाद दे दिए जाते हैं, वर्ना इंतजार करना होता है.
ये कोई जरूरी नहीं है कि जो आवेदक सीआईआरजी से ट्रेनिंग करेगा उसी को बकरे-बकरी दिए जाएंगे. ऐसा जरूर हो सकता है कि हम कभी-कभी ट्रेनिंग करने वाले को वरीयता दे देते हैं. यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में रहने वालों को वरीयता दी जाती है. संस्थान में मौजूद बरबरी, जखराना, जमनापारी, सिरोही नस्ल के बकरे-बकरी और मुजफ्फरनगरी भेड़ आवेदन करने पर दी जाती है.
आवेदन करने पर एक साल, दो साल या उससे ज्यादा उम्र तक के बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बड़े आकार जैसे जमनापारी और जखराना नस्ल के बकरे-बकरी 12 हजार रुपये से लेकर 15 हजार रुपये तक के दिए जाते हैं. वहीं छोटे आकार की बकरी जैसे बरबरी 10 से 12 हजार रुपये तक में मिल जाती है. बकरे-बकरी की उपलब्धता के आधार पर पशुपालकों को एक या दो बकरे-बकरी दिए जाते हैं. लेकिन एक स्कीम के तहत जिसका फायदा सालभर में दो या तीन लोगों को ही मिलता है के तहत आठ से 10 बकरे-बकरी दिए जाते हैं. बाजार में ऐसे बकरे-बकरियों की कम से कम कीमत 20 से 25 हजार रुपये होती है.
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