गाय-भैंस दुधारू हो या गर्भवती, उसे चारा और दाना-पानी देना बहुत खास हो जाता है. इसी तरह अगर पशु बीमार हो जाए या फिर किसी वजह से चोटिल हो जाए तो ऐसे में उसे क्या खिलाना है और कैसे खिलाना है ये भी बहुत खास हो जाता है. क्योंकि पशु उत्पादन कर रहा है या नहीं, लेकिन उसके रोजमर्रा के लिए चारा और दाना-पानी खिलाना बहुत जरूरी हो जाता है. फिर चाहें ऐसे हालात में गाय-भैंस कुछ खाने को तैयार हो या न हो. न खाने की वजह ये भी हो सकती है कि बीमार या चोटिल होने पर गाय-भैंस खाने के लिए अपने मुंह का इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं.
ऐसे वक्त में किसी भी तरह से उन्हें खिलाना बहुत जरूरी होता है. मतलब कुछ ना कुछ खाने को जरूर दिया जाए. साथ ही एनीमल एक्सपर्ट ये भी सलाह देते हैं कि कभी भी बीमार पशु को खाने में दवाएं मिलाकर न दें. सूखा दाना तीन-चार घंटे भिगोकर खिलाया जा सकता है. कोशिश करें कि हरे चारे के रूप में साइलेज खिलाएं. ये भी जांच कर लें कि चारा और दाना-पानी दूषित न हो.
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