‘फिशरीज सेक्टर से जुड़ी अर्थव्यवस्था और मछुआरों को मजबूत बनाने के लिए केन्द्र सरकार लगातार काम कर रही है. खास योजनाएं लाई जा रही हैं. मछली पकड़ने से लेकर मछली पालन करने वालों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है. इसके लिए फिशरीज इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट फंड (FIDF) के तहत करीब छह हजार करोड़ रुपये का फंड दिया गया है. इस फंड के साथ ही 130 से ज्यादा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.’ ये कहना है केन्द्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री डॉ. एसपी सिंह बघेल का.
उन्होंने सोशल मीडिया पर ये जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस फंड का इस्तेमाल फिश पोस्ट हॉर्वेस्ट के साथ ही हैचरी और ट्रेनिंग सेंटर के लिए किया जाएगा. हाईटेक तरीके से मछली बीज के लिए हैचरी तैयार की जाएंगी. गौरतलब रहे केन्द्र सरकार मछली उत्पादन बढ़ाने के साथ उससे दूसरे प्रोडक्ट तैयार करने और सीफूड को ताजा बनाए रखने पर जोर दे रही है.
डॉ. एसपी सिंह बघेल ने बताया कि FIDF के तहत 5794 करोड़ रुपये से 22 मछली बंदरगाह बनाए जाएंगे. वहीं 24 मछली लैंडिंग केंद्र भी तैयार किए जाएंगे. इसके साथ ही चार फिश प्रोसेसिंग प्लांट को भी मंजूरी दी गई है. प्रोडक्ट को ताजा बनाए रखने और खराब होने से बचाने के लिए आठ कोल्ड स्टोरेज भी लिस्ट में शामिल हैं. मछली पालन से लेकर प्रोसेसिंग और दूसरी चीजें नियमानुसार हों इसके लिए लोगों को ट्रेंड किया जाएगा. ट्रेनिंग देने के लिए इस फंड से छह ट्रेनिंग सेंटर खोले जाने हैं. वहीं तालाब में मछली अच्छी तैयार हो इसके लिए हाईटेक हैचरी का प्लान भी रखा गया है. फंड से 21 हाईटेक हैचरी और फिश सीड फार्म तैयार किए जाएंगे.
केन्द्रीय मत्स्यिकी शिक्षा संस्थान, काकीनाडा, आंध्रा प्रदेश
केन्द्रीय मात्स्यिकी शिक्षा संस्थान साल्टेक,कोलकाता
सेंट्रल इनलैंड फिशरीज रिसर्च इंस्टिट्यूट बैरकपुर, कोलकता
केन्द्रीय मात्सियकी शिक्षा संस्थान, पवारखेड़ा, मध्य प्रदेश
कॉलेज ऑफ फिशरीज पंतनगर, उत्तराखंड
केन्द्रीय मिठाजल जीवनयापन अनुसंधान संस्थान कौशल्यागंगा, (भुवनेश्वर)
बिहार में-
मत्स्य प्रशिक्षण एवं प्रसार केंद्र, मीठापुर पटना
आई.सी.ए.आर. पटना केंद्र
कॉलेज ऑफ़ फिशरीज, ढोली मुजफ्फरपुर
कॉलेज ऑफ़ फिशरीज किशनगंज
यूपी- यूपी के सभी जिलों में संबंधित विभाग द्वारा ट्रेनिंग दी जाती है.
मछली पालकों को ट्रेनिंग देने के लिए केन्द्र सरकार ने एक ऐप जारी किया है. ऐप को मत्स्य सेतु नाम दिया गया है. ऐप को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और सेंट्रल इंस्टीच्यूट ऑफ फ्रेशवाटर एक्वाकल्चर ने तैयार किया है. ऐप में मछली पालकों के लिए मछली पालन से जुड़ी तमाम तरह की तकनीक की जानकारी दी गई है.
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