Dairy Milk: तीन गुना हो सकता है देश में दूध उत्पादन, जानें कैसे 

Dairy Milk: तीन गुना हो सकता है देश में दूध उत्पादन, जानें कैसे 

डेयरी एक्सपर्ट की मानें तो चारे की कमी और उसका महंगा होना भी प्रति पशु दूध उत्पादन ना बढ़ने की एक बड़ी वजह है. कई बार दूध की लागत मिलना मुश्कि‍ल हो जाता है. यही वजह है कि बहुत सारे लोग पशुपालन से किनारा करने लगे हैं. इसलिए ये जरूरी है कि हरे चारे की क्वालिटी और उसकी उपलब्धता पर भी काम करने की जरूरत है. 

भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशुओं पर भी दिख रहा है. (Photo-Kisan Tak)भीषण गर्मी का असर इंसानों के साथ ही पशुओं पर भी दिख रहा है. (Photo-Kisan Tak)
नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Jul 30, 2024,
  • Updated Jul 30, 2024, 4:52 PM IST

दूध उत्पादन के मामले में भारत का नंबर विश्व में पहला है. डेयरी और पशुपालन मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में बीते साल 23 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ था. डेनमार्क भी दूध उत्पादन के मामले में भारत से पीछे हैं. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि दूध उत्पादन में भारत के नंबर वन बनने के पीछे सबसे बड़ी वजह है पशु संख्या. दूध देने वाले जितने पशु भारत के पास हैं उतने किसी और देश के पास नहीं हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि जितने दूध देने वाले पशु भारत के पास हैं वो भी सभी दूध नहीं देते हैं. करीब 34 फीसद पशु ही दूध देते हैं. 

इतने में ही हम दूध उत्पादन में पहले नंबर पर हैं. अब अगर सभी दूध देने लगें तो दूध का ये आंकड़ा 70 करोड़ टन दूध पर पहुंच सकता है. लेकिन इसके लिए जरूर है डेयरी फार्म साइंटीफिक तरीके से चलाए जाएं और पशुओं के खानपान पर खास ध्यान दिया जाए. एनिमल न्यूट्रीशन एक्सपर्ट का कहना है कि अगर हम सिर्फ पशुओं की जरूरत का ही चारा उन्हें खि‍ला दें तो दूध उत्पादन के इस आंकड़े को छूआ जा सकता है.  

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प्रति पशु दूध बढ़ाने को खि‍लाना होगा इतना चारा 

एनिमल न्यूट्रीशन एक्सपर्ट डॉ. दिनेश भोंसले का कहना है कि साल 2023 में हमारे देश में 23 करोड़ टन दूध का उत्पादन हुआ है. इसमे से 55 फीसद हिस्सेदारी भैंस की तो 45 फीसद गाय की है. इस सब में बकरी की हिस्सेदारी तीन फीसद है. हमारे देश में 300 मिलियन पशु हैं, लेकिन उसमे से सिर्फ 100 मिलियन पशु ही दूध देते हैं. इसकी वजह ये है कि हमारा पूरा ध्यान दूध उत्पादन बढ़ाने पर रहता है, लेकिन हम पशुओं के खानपान पर उस तरह से ध्यान नहीं देते हैं. जबकि सामान्य तौर पर गाय-भैंस को कम से कम 10 किलो हरा चारा, पांच किलो सूखा चारा और एक किलो मिनरल मिक्चर जरूर खिलाना चाहिए. इतना ही नहीं अगर आपकी गाय-भैंस 10 किलो दूध देती है तो उसे कम से कम पांच किलो मिनरल मिक्चर जरूर खिलाना चाहिए. 

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इसलिए भी नहीं बढ़ पा रहा है दूध उत्पादन 

डेयरी एक्सपर्ट का कहना है कि हमारे देश में बहुत सारे लोग तीन-चार गाय-भैंस का पालन करते हैं. ऐसे में उनके दूध की कमाई का एक बड़ा हिस्सा चारे और मिनरल्स खरीदने में खर्च हो जाता है. मक्का और सोयाबीन के बढ़ते दाम किसी से छिपे नहीं हैं. अगर ये खाने को ना दें तो पशु ज्यादा दूध देने के साथ ही अच्छी फैट भी नहीं देगा. यही वजह है कि पशुपालक मिनरल्स की कमी को पूरा करने के लिए पशुओं को सीजन के हिसाब से होने वाले हरे चारे पर ज्यादा रखते हैं. जबकि न्यूट्रीशन एक्सपर्ट के मुताबिक ये तरीका गलत है, ज्यादा और अच्छे दूध के लिए हरे-सूखे चारे समेत मिनरल्स की मात्रा पशु द्वारा दिए जा रहे दूध के हिसाब से तय होनी चाहिए. दूध की लागत भी दूध का उत्पादन बढ़ाकर ही कम की जा सकती है. 

 

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