AI: पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले एआई टेक्नीशियन के पास जरूर चेक करें ये दस्तावेज

AI: पशु का कृत्रिम गर्भाधान कराने से पहले एआई टेक्नीशियन के पास जरूर चेक करें ये दस्तावेज

कृत्रिम गर्भाधान (एआई) से पशुओं को गाभि‍न कराने से पहले ये उससे जुड़े कुछ दस्तावेज की जांच करना बहुत जरूरी है. साथ ही एआई टेक्नीशियन के उस सिस्टम को जांचना भी बहुत जरूरी है जिसमे वो वीर्य की स्ट्रॉ लेकर आया है. 

नासि‍र हुसैन
  • NEW DELHI,
  • Mar 11, 2025,
  • Updated Mar 11, 2025, 3:52 PM IST

पशुओं की नस्ल सुधार को लेकर और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों में जागरुकता आ रही है. यही वजह है कि अब कृत्रिम गर्भाधान (एआई) डिमांड बढ़ने लगी है. अब ज्यादातर पशुपालक एआई के लिए टेक्नीशियन को बुलाने लगे हैं. इन्हें पशु मैत्री भी कहा जाता है. गाय-भैंस और भेड़-बकरी को भी एआई से गाभि‍न कराया जा रहा है. लेकिन एनीमल एक्सपर्ट का कहना है कि एआई कराते वक्त ये जरूरी है कि हम उस वीर्य स्ट्रॉ से जुड़े दस्तावेज जरूर चेक करें जो स्ट्रॉ पशु को दी जा रही है. 

इसके साथ ही कुछ और ऐसी बातें भी हैं जिन्हें एआई से पहले जांचना बहुत जरूरी है. गौरतलब रहे राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत देश में एआई से पशुओं को गाभि‍न किया जा रहा है. इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि एक बुल प्राकृतिक रूप से जहां 200 पशुओं को गाभि‍न करता है तो एआई से 20 हजार पशुओं को. 

जरूरी है एआई से पहले ये बातें जान लेना 

एनीमल एक्सपर्ट बताते हैं कि अक्सर बहुत सारे पशुपालक एआई कराते वक्त कुछ सवाल जानने की कोशि‍श नहीं करते हैं. जिसके चलते उन्हें बाद में नुकसान उठाना पड़ता है. जैसे एआई करने के लिए आने वाले टेक्नीशि‍यन के बारे में क्या-क्या जानना चाहिए. सबसे पहले ये देखना चाहिए कि टेक्नीशि‍यन जो वीर्य लेकर आया है वो नाइट्रोजन से भरे सिलेंडर में रखा गया है या नहीं. कहीं ऐसा तो नहीं टेक्नीशि‍यन वीर्य स्ट्रॉ को पॉकेट, थर्मोस, पानी या बर्फ में रखकर तो नहीं ला रहा है. वीर्य केंद्र का नाम उस स्ट्रॉ पर लिखा होना बहुत जरूरी है. पशुपालकों को एआई कराने से पहले उस सांड का फैमिली ट्री जरूर देखना चाहिए जिसका वीर्य इस्तेमाल किया जा रहा है. फैमिली ट्री से जुड़ा दस्तावेज हर टेक्नीशि‍यन के पास होता है. 

कुछ केस में दो बार करानी पड़ सकती है एआई 

एनीमल एक्सपर्ट के मुताबिक एक पशु को एआई से गाभि‍न करने के लिए वीर्य डोज की एक स्ट्रॉ (0.25 मिलीलीटर क्षमता) की होनी चाहिए. पशु को गाभि‍न करने के लिए एक स्ट्रॉ काफी होती है. लेकिन कुछ खास केस में जैसे  कुछ मामलों में अगर पशु की हीट का वक्त सामान्य वक्त (12-18 घंटे) से ज्यादा बढ़ा हुआ है तो ओव्यूलेशन में देरी होती है. और ऐसे मामलों में 24 घंटे के बाद दूसरे एआई की जरूरत हो सकती है.

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