धनबाद से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है. इसे सुनकर आप भी खतरे में पड़ जाएंगे. हो सकता है आप जो दूध खरीदते हैं, उससे तौबा कर लेंगे. हो सकता है आपको दूध के नाम से डर हो जाएगा. जी हां. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरें आई हैं कि धनबाद में कैसे दूध के नाम पर जहर (spurious milk) बनाया जा रहा है. इस खबर के सामने आते ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने झारखंड सरकार, वहां के पुलिस प्रमुख और स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक को नोटिस जारी कर दिया.
एनएचआरसी ने स्वतः संज्ञान के आधार पर नोटिस जारी किया है. 30 दिसंबर को मीडिया में छपी रिपोर्ट्स को आधार बनाते हुए एनएचआरसी ने हुक्मरानों से जवाब तलब किया. मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है, एक लीटर दूध से 15 लीटर मिलावटी और नकली दूध बनाने के लिए रिफाइंड ऑयल और कॉस्टिक सोडा को मिलाया जाता है. मुनाफाखोरी के लिए धनबाद में यह काम चल रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से 'PTI' ने यह खबर दी है.
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रिपोर्ट में कहा गया है, पहले दूध में केवल पानी मिलाजा जाता था. लेकिन अब मुनाफा कमाने के लिए दूध में यूरिया, सर्फ और स्टार्च मिलाने जैसी घटनाएं देखी जा रही हैं. यह लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ है. सबसे गंभीर बात ये है कि इस मिलावटी दूध को लैक्टोमीटर भी नहीं पकड़ सकता. इस तरह के खतरनाक दूध को हल्के टेस्ट में पकड़ना आसान नहीं है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, धनबाद में हर दिन 3 लाख लीटर दूध की जरूरत होती है जबकि उत्पादन केवल 1.90 लाख लीटर है. यही वजह है कि मिलावटी दूध का धंधा तेजी से फल-फूल रहा है. इस कमी का फायदा मिलावटखोर उठा रहे हैं. इस बात की रिपोर्ट है कि धनबाद में एक किलो स्कीम्ड मिल्ड या दूध पाउडर की कीमत 320-340 रुपये है. इसमें रिफाइंड ऑयल और कॉस्टिक सोडा मिलाकर 15 लीटर दूध बनाया जाता है. इस तरह 825 रुपये का नकली दूध तैयार हो जाता है.
यह दूध लैक्टोमीटर भी नहीं पकड़ पाता, इसलिए सेहत के लिहाज से यह जहर से कम नहीं. इससे पहले तो पेट में इनफेक्शन होता है जो बाद में कैंसर का रूप ले सकता है. रिफाइंड ऑयल और कॉस्टिक सोडा की टेस्टिंग लेबोरेटरी में की जाती है. आम आदमी चाहे तो इसे अपने घर पर भी टेस्ट कर सकता है. आम आदमी चाहे तो घर पर मिलावटी दूध की टेस्टिंग कर सकता है. इसके लिए दूध में पारा-डायमिथाइलएमिनोबेंजल्डिहाइड को मिलाया जाता है. एक तरह का केमिकल है जो दूध की शुद्धता के बारे में बता देता है.
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मिलावटी दूध में जैसे ही पारा-डायमिथाइलएमिनोबेंजल्डिहाइड केमिकल मिलाया जाता है, दूध पीला हो जाता है. इसका अर्थ हुआ कि उसमें यूरिया की मात्रा मिलाई गई है. अगर दूध में रोजेलिक एसिड मिलाया जाए और उसका रंग लाल हो जाए तो समझ लें उसमें कॉस्टिक सोडा मिला हुआ है. अगर दूध में आयोडिन सॉल्यूशन मिलाकर देखा जाए और रंग ब्लू हो जाए तो समझ लें कि उसमें स्टार्च मिला हुआ है. इस आसान विधि से मिलावटी दूध की चेकिंग की जा सकती है.