ब्लैक बंगाल भारत देश में पाई जाने वाली 40 नस्लों की बकरियों में से एक है. आम तौर पर यह झारखंड, पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश, बिहार और असम में पाई जाती है. इसे यहां की नेटिव ब्रीड कहा जाता है. मीट की गुणवत्ता और स्वाद के लिए ब्लैक बंगाल देश ही नहीं दुनिया भर में सबसे पहली पसंद है. यही वजह है कि इसका सबसे अधिक एक्सपोर्ट भी किया जाता है. झारखंड में किसान आम तौर पर ब्लैक बंगाल ब्रीड की बकरी का ही पालन करते हैं. इसका पालन करना आसान होता है, क्योंकि यह अधिकांश हरा चारा खाना पसंद करती है और खुद से चरकर अपना पेट भर लेती है. यह लगभग सभी प्रकार के घास और पत्तियों का सेवन करती है. साथ ही इसकी खासियत यह होती है कि इनमें बीमारी ना के बराबर होती है.
इसका पालन और देख-रेख करना बहुत मुश्किल नहीं होता है क्योंकि यह गंदगी बहुत कम करती है. ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी का आकार अन्य ब्रीड की बकरियों की तुलना में छोटा होता है. झारखंड में अक्सर देखा गया है कि परिवार छोटे होते हैं. ऐसे में छोटे आकार की बकरी का मीट एक परिवार के लिए पर्याप्त हो जाता है. जबकि अन्य ब्रीड की बकरियों का आकार बड़ा होता है इसलिए उपभोग की दृष्टि से भी ब्लैक बंगाल का पालन सबसे बेहतर माना जाता है.
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