हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार ऊन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने पर विचार कर रही है. इसपर सभी हितधारकों से चर्चा और रायमशवरा करने के बाद फैसला होगा. राज्य सरकार का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करेगी कि भेड़-बकरी पालकों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य मिले, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के नवनियुक्त अध्यक्ष मनोज कुमार के नेतृत्व में गद्दी समुदाय का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मिलने पहुंचा. इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने पद पर गद्दी समुदाय का प्रतिनिधि नियुक्त करने के लिए सीएम का आभार जताया.
सीएम सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार गद्दी समुदाय की कठिनाइयों के बारे में जानती है और इस समुदाय से जुड़े विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने संवदेनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए मॉनसून आपदा 2023 के दौरान प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज जारी कर मुआवजे की राशि को कई गुना बढ़ाया था. इस पहल के तहत भेड़, बकरी और सूअर की मृत्यु पर वित्तीय सहायता को 4000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये किया गया है.
सीएम ने कहा कि आने वाले समय में पशुपालक समुदाय की मदद के लिए इस वित्तीय सहायता को और ज्यादा बढ़ाया जाएगा. इससे पहले, हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष मनोज कुमार ने इस महत्त्वपूर्ण दायित्व के लिए सीएम का आभार व्यक्त किया. उन्होंने आश्वासन दिया कि वह समर्पण भाव से काम कर मुख्यमंत्री की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे.
उनकी नियुक्ति चंबा और कांगड़ा जिला में रहने वाले पूरे गद्दी समुदाय के लिए गर्व की बात है. उन्होंने भेड़ और बकरियों की मृत्यु पर मुआवजे को बढ़ाने के लिए सरकार की सराहना की. इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और प्रतिनिधिमण्डल के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे.
इससे पहले सोमवार को प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के हित में बड़ा फैसला लेते हुए बिजली बिल पर भारी सब्सिडी देने की अधिसूचना जारी कर दी. अब किसानों को मात्र 1 रुपये यूनिट के हिसाब से ही बिजली का बिल देना होगा. बाकी के 4.04 रुपये राज्य सरकार खर्च करेगी. दरअसल, रविवार को विपक्षी दल बीजेपी के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह किसान विरोधी है. उसने अचानक बिजली कई गुना महंगी कर किसानों को बोझ तले दबाने का काम किया है. लेकिन, अगले ही दिन सरकार ने सब्सिडी की अधिसूचना जारी कर जानकारी दी कि किसानों को आर्थिक बोझ नहीं सहना पड़ेगा.