उत्तर-पश्चिम भारत, विशेष रूप से दिल्ली, पिछले कुछ हफ्तों से लगातार गर्मी की चपेट में है. इससे लोगों में गंभीर असुविधा और चिंता पैदा हो गई है. इस क्षेत्र में अधिकतम तापमान अपने सामान्य स्तर से कम से कम 8 डिग्री सेल्सियस ऊपर बढ़ गया है, जो एक खतरनाक संकेत है. मई को ऐतिहासिक रूप से देश के इस हिस्से में सबसे गर्म महीने के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस साल का तापमान सामान्य से अधिक रहा है. लगभग 15 दिनों से लगातार दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है, रिकॉर्ड टूट गया है और मौसम के मिजाज ने नए रिकॉर्ड बना दिए हैं. पश्चिम से पूर्व की ओर हवा की दिशा में बदलाव से तेज गर्मी की लहर थोड़ी देर के लिए कम हुई, जिससे लोगों को कुछ दिनों के लिए राहत मिली. हालांकि, यह राहत छोटी थी और गर्मी जल्द ही पूरी ताकत के साथ लौट आई.
दिन का बढ़ता तापमान ही एकमात्र चुनौती नहीं है. रात के ऊंचे तापमान ने स्थिति को और खराब कर दिया है, जिससे कई लोगों की नींद और दिनचर्या बिगड़ गई है. रात में ठंडक की कमी के कारण दिन की गर्मी से उबरने के लिए बहुत कम समय मिलता है, जिससे विशेष रूप से बुजुर्गों और बच्चों के लिए स्वास्थ्य जोखिम बढ़ जाता है.
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दिल्ली की विशेषता इसकी बनावट है. यहां का भौगोलिक पहलू इसकी मौसम स्थितियों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करता है, जो मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र और पाकिस्तान और राजस्थान के रेगिस्तानों में जलवायु और मौसम संबंधी परिवर्तनों से नियंत्रित होता है. जैसे-जैसे गर्मियां आती हैं, शहर में अत्यधिक गर्मी देखी जाती है, जो पश्चिम में थार रेगिस्तान से पैदा होने वाले वायुमंडलीय पैटर्न से जुड़ी हुई है. मई के दौरान, सूर्य की तीव्र किरणें तेजी से रेगिस्तान को गर्म करती हैं, जिसके कारण असाधारण रूप से उच्च तापमान होता है. वायुमंडलीय स्थितियां आमतौर पर शुष्क होती हैं और नमी कम होती है. यह शुष्कता, इस मौसम में प्रचलित हवा के पैटर्न के साथ मिलकर, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पंजाब जैसे क्षेत्रों सहित उत्तर-पश्चिमी भारत की जलवायु में व्यापक बदलाव लाता है.
गर्मियों में प्रचलित हवा का पैटर्न पश्चिमी है, जो रेगिस्तान की गर्मी को उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों तक ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. गर्म हवाओं की यह गति अपने साथ बढ़ते तापमान को लाती है, जिससे अक्सर इन क्षेत्रों में लू चलती है. विशेष रूप से, दिल्ली में तापमान में वृद्धि होती है, जो अक्सर 40 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है.
चूंकि देश के विभिन्न हिस्सों में भीषण तापमान जारी है, इसलिए चल रही लू के तुरंत कम होने के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं. मौसम विज्ञान के पूर्वानुमानों से पता चलता है कि गर्मी का यह तीव्र दौर कम से कम अगले दो दिनों तक बना रह सकता है, जिससे पहले से ही चिलचिलाती परिस्थितियों से निपटने के लिए जूझ रहे लोगों के बीच चिंताएं बढ़ सकती हैं. हालांकि, मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि देश के पश्चिमी इलाकों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने का अनुमान है.
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इस मौसम संबंधी घटना से अरब सागर से नमी आने से बहुत राहत मिलने की उम्मीद है. शुष्क हवाओं में इस नमी के आने से कुछ बार बारिश हो सकती है, जिससे संभावित रूप से गर्मी से राहत मिल सकती है. संभावित बारिश से तापमान में मामूली कमी आने की संभावना है, जिससे भीषण गर्मी से प्रभावित लोगों को राहत मिलेगी. इस गर्मी से राहत के लिए आम लोगों से लेकर किसान तक इंतजार कर रहे हैं क्योंकि गर्मी बढ़ने से उनकी अगली फसल पर असर देखा जा सकता है.
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