साल 2023 को दुनिया का सबसे गर्म साल घोषित किया गया था. वहीं साल 2024 को लेकर कहा जा रहा है कि ये सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए साल 2023 से भी गर्म हो सकता है, जिसकी तरफ अप्रैल-मई का तापमान इशारे कर चुका है. देश के कई हिस्सों ने अप्रैल-मई के महीने लू का कहर झेला है और इन दिनों भी लू का ये कहर जारी है.
मसलन, राजस्थान के फालौदी और चुरू में तापमान 50 डिग्री के पार तक पहुंच गया है. इसी तरह देश के कई हिस्सों में पारा 40 डिग्री से अधिक चल रहा है, जबकि 40 डिग्री से अधिक तापमान की स्थिति को लू यानी Heat Wave माना जाता है. हालांकि मौसम विभाग ने गर्मी के इस कहर से 30 मई के बाद राहत मिलने का पूर्वानुमान जारी किया है, लेकिन गर्मी को लेकर असल अग्निपरीक्षा का सामना जून में होना है. सीधी सी बात है मई से दोगुनी जून के महीने पड़ने वाली है, इसको लेकर IMD ने अलर्ट भी जारी किया है. आइए इसी कड़ी में पूरा मामला समझते हैं.
मॉनसून और लू यानी Heat Wave को लेकर सोमवार को IMD ने समीक्षा बैठक की थी, जिसके बाद जून महीने का पूर्वानुमान IMD ने जारी किया गया है. IMD के मुताबिक दक्षिण भारत को छोड़कर पूरे देश का मासिक तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है. तो वहीं इसी तरह न्यूनतम तापमान भी देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है.
IMD ने Heat Wave को लेकर कहा है कि जून के महीने सामान्य से अधिक दिन लू चलने का पूर्वानुमान है. IMD के मुताबिक मध्य भारत और उत्तर मध्य भारत में जून के महीने अधिक लू चलेगी. यानी पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, गुजरात और मध्य प्रदेश के लोगों को मई के महीने की तुलना में जून में अधिक लू का सामना करना पड़ सकता है. असल में जून के महीने 3 दिन लू चलने को सामान्य माना जाता है, लेकिन इस बार जून के महीने 6 दिन लू चलने का पूर्वानुमान IMD ने जारी किया है.
मई महीने के ताप ने देश के पसीने छुड़ाए हुए हैं. अब जून में अधिक तापमान रहने का अनुमान है. दक्षिण भारत को छोड़कर देश के बाकी हिस्सा क्यों तप रहा है, इसको लेकर IMD का कहना है कि मई के महीने अधिक तापमान ना होने का मुख्य कारण बारिश ना होना है. IMD की तरफ से साझा की गई जानकारी के मुताबिक मई के पहले पखवाड़े 5 वेस्टर्न डिस्टर्ब सक्रिय हुए, लेकिन सिर्फ 2 ही बारिश करा सके, जबकि 15 मई के बाद से अब तक एक भी वेस्टर्न डिस्टर्ब एक्टिव नहीं हो सका है. इस वजह से सूखे के हालात हैं और देश के अधिकांश हिस्सों में गर्मी रिकॉर्ड तोड़ रही है.
वहीं जून में अधिक गर्मी को लेकर IMD ने मॉनसून को ही जिम्मेदार ठहराया है. असल में जून के पहले सप्ताह में मॉनसून दक्षिण, पूर्व की तरफ छा जाएगा, इससे इन क्षेत्रों में नमी बढ़ेगी. इस वजह से शेष भारत में चलने वाली हवाएं उमस बढ़ाएंगी, नतीजतन दिन और रात के तापमान में बढ़ोतरी होगी.
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