पराली का नाम सुनते ही पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों का जिक्र होना एक आम बात हो गई है. सरकार किसानों के लिए पराली और फसल अवशेष प्रबंधन की कई योजनाएं शुरू कर उन्हें पराली नहीं जलाने के लिए जागरूक कर रही है. इसके बावजूद कुछ किसान धड़ल्ले से पराली जला रहे हैं. हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. इससे पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों के साथ अब दिल्ली भी जहरीली हवा से प्रदूषित हो रही है. हवा में धुएं का असर देखा जा रहा है जिससे लोगों को सांस की समस्या हो रही है.
बीते दिनों ठंड जल्दी आने से और साइक्लोनिक सिस्टम बनने के कारण मौसम खराब रहा. हाल की बारिश ने ठंड भी बढ़ाई है जिससे सुबह और रात में इसका अहसास होने लगा है. मौसम में अचानक हुआ बदलाव का साफ असर आम लोगों पर दिख रहा है. हवा की रफ्तार कम होने से भी दिल्ली में प्रदूषण फैला है. इसके अलावा 23 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर में हल्की बारिश होने की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली एनसीआर में मौसम का मिजाज बदलेगा, जिसकी शुरुआत 23 अक्टूबर की हल्की बारिश से होगी. 24 और 25 अक्टूबर को भी ऐसा ही मौसम रहेगा.
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ऑल इंडिया वेदर बुलेटिन के अनुसार मौसम बिगड़ने का कारण दक्षिण पश्चिम अरब सागर के ऊपर बना दबाव है. इस वजह से एक-दो दिनों में तेज हवा के साथ बारिश की भी संभावना है. अभी दक्षिण पूर्व बंगाल की खाङी के ऊपर एक कम दबाव वाला क्षेत्र है जिससे मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. दिल्ली एनसीआर में अगले कुछ दिनों तक हवा की रफ्तार दस किलो प्रति घंटे से कम रहेगी, जिससे वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी कि AQI 200 पार जा सकता है. एक्यूआई बढ़ने से प्रदूषण का खतरा पैदा होगा. अभी दिल्ली में हवा मॉडरेट श्रेणी में दर्ज की जा रही है.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के स्तर से कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. इसमें सांस से जुड़ी बीमारियां अहम हैं. ये बीमारियां इतनी खतरनाक होती हैं कि सेहत को गहरे खतरे में डाल सकती हैं. पराली जलाना, निर्माणाधीन गतिविधियां, फैक्टियों से निकलने वाली हवा और वाहन से निकलते धुएं स्वास्थ्य को बुरी तरह प्रभावित करते हैं. वायु प्रदूषण से दिल और फेफड़ों पर भी असर पड़ता है.
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