इस सीजन में मॉनसून का ब्रेक काफी लंबा चला है. इतना लंबा की कई दशकों का रिकॉर्ड टूट गया. कई राज्य बारिश के पानी के लिए तरस गए. दरअसल, 1901 के बाद अगस्त का महीना सबसे सूखा रहा है. वहीं कम बारिश होने की वजह से खरीफ की फसलें खराब हो रही हैं. किसान पंपिंग सेट और ट्यूबेल से फसलों की सिंचाई कर रहे हैं. जिससे उनकी फसल लागत में वृद्धि हो रही है. हालांकि, अब मॉनसून के मोर्चे पर किसानों के लिए अच्छी खबर है. दरअसल, मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून अगले पांच दिनों तक मध्य और उत्तर-पश्चिमी भागों के प्रमुख कृषि राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय रहेगा.
इस बीच विशेष रूप से, बुधवार और शुक्रवार के बीच महाराष्ट्र में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है. इसके अलावा, उत्तर-पश्चिम और उससे सटे पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी, दक्षिण ओडिशा और उत्तरी आंध्र प्रदेश के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जो दक्षिण ओडिशा और दक्षिण छत्तीसगढ़ में पश्चिम की ओर बढ़ेगा. मौसम विभाग के मुताबिक, इन घटनाक्रमों की वजह से गुरुवार तक गंगीय पश्चिम बंगाल और शुक्रवार तक ओडिशा और झारखंड में भारी बारिश के साथ आंधी चलेगी और बिजली गिरेगी. दक्षिण में, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में बुधवार तक और तमिलनाडु में गुरुवार तक इसी तरह का मौसम रहने की संभावना है. तटीय और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में शुक्रवार और शनिवार को भारी बारिश की उम्मीद है, जबकि केरल में शनिवार तक बारिश होगी.
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मध्य भारत में, पूर्वी मध्य प्रदेश में शनिवार तक हल्की से मध्यम बारिश, आंधी चलने और बिजली गिरने की संभावना है, साथ ही विदर्भ में भी कुछ जगहों पर भारी बारिश होने की संभावना है. पश्चिमी मध्य प्रदेश में भी यही पैटर्न दोहराए जाने की संभावना है. पश्चिमी भागों में, मॉनसून मराठवाड़ा में शुक्रवार तक, मध्य महाराष्ट्र में शनिवार तक और गुजरात में शुक्रवार तक हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है. उत्तर-पूर्वी भागों, विशेष रूप से असम और मेघालय में भी शनिवार तक इसी तरह का पैटर्न देखा जाएगा.
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