Delhi Rain: दिल्ली में कहां से आई अचानक बारिश, जिसने पॉल्यूशन को कर दिया छूमंतर

Delhi Rain: दिल्ली में कहां से आई अचानक बारिश, जिसने पॉल्यूशन को कर दिया छूमंतर

वायु प्रदूषण से न‍िपटने के ल‍िए द‍िल्ली में कृत्र‍िम बार‍िश करवाने की तैयारी हो रही थी, लेक‍िन अचानक बादल मेहरबान हुए और द‍िल्ली में जमकर बार‍िश हो गई. दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत में सर्दियों के मौसम में आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होती है.

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Delhi Rain: दिल्ली में कहां से आई अचानक बारिश, जिसने पॉल्यूशन को कर दिया छूमंतरजानिए दिल्ली में कहां से आई अचानक बारिश

पिछले 10 दिनों से अधिक वायु प्रदूषण से जूझ रही दिल्ली में गुरुवार की देर रात और सुबह हुई बारिश ने प्रदूषण को अचानक कम कर दिया. सबके मन में सवाल है क्या अचानक सर्दियों के मौसम में यह बारिश आखिरकार आई कहां से. दिल्ली-एनसीआर में कुछ दिनों से धुंध और धुएं ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा था. पराली का धुआं लोगों का दम घोंट रहा था. लोग निगाह लगाए बैठे थे कि कब बारिश होगी. अचानक गुरुवार देर रात दिल्ली में गरज के साथ बारिश शुरू हो गई. यहां तो कृत्र‍िम बार‍िश करवाने की तैयारी हो रही थी लेक‍िन अचानक बादल

मेहरबान हुए और द‍िल्ली में जमकर बार‍िश हो गई. ज‍िससे लोगों को प्रदूषण से राहत म‍िली है. 
दिल्ली समेत उत्तर पश्चिम भारत में सर्दियों के मौसम में आमतौर पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस यानी पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बारिश होती है और यह भी एक ऐसा ही सिस्टम है. दरअसल पश्चिमी विक्षोभ यानी पश्चिमी देशों से लाया हुआ सिस्टम हमारे देश में सर्दियों के मौसम में बारिश करवाता है, जिसका असर दिल्ली के पॉल्यूशन पर देखने को मिल रहा है. प्रदूषण अब छूमंतर हो गया है. हवा साफ हो गई है. 
 

वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते सर्दियों में बारिश

यह पश्चिमी विक्षोभ यानी वेस्टर्न डिस्टरबेंस शुरू मेडिटरेनियन इलाकों से होते हैं जहां पर भूमध्य सागर का प्रभाव है. यूक्रेन और उसके आसपास के इलाकों से हवा आद्रता लेकर के आती है और हिमालय के ऊंचे इलाकों में बर्फबारी करवाती है. जबकि मैदानी इलाकों में हवाओं के साथ बारिश होती है. ठंडा यानी पोलर इलाकों में एक अधिक दबाव का क्षेत्र बनता है, जो वहां से नमी को लेकर गर्म और कम दबाव के क्षेत्र में आता है. भारत के मैदानी इलाकों में सर्दियों की शुरुआत आमतौर पर ऐसी ही बारिश से होती है और उत्तर भारत में तो शीत लहर के लिए भी वेस्टर्न डिस्टरबेंस के जरिए की गई बारिश बड़ी वजह मानी जाती है.

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एल नीनो का प्रभाव 

इस साल पूरे विश्व में अल नीनो का प्रभाव है जिसकी वजह से तापमान अधिक रहा है और एक वजह यह भी है कि इस बार पश्चिमी विक्षों मजबूती से भारत की तरफ नहीं आए हैं. 10 नवंबर को हो रही बारिश लगभग एक महीने के बाद पहला वेस्टर्न डिस्टरबेंस है. कम बारिश की वजह से मौसम शुष्क था और हवा की रफ्तार भी कम थी और दिल्ली में प्रदूषण की एक बड़ी वजह मौसम का यह व्यवहार भी रहा है. मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ यूं तो बारिश शुक्रवार को ही करेगा लेकिन इसकी वजह से हवाओं की रफ्तार दिन में अगले दो दिनों तक अच्छी रहेगी.

प्रदूषण के लिए भी मौसम जिम्मेदार

मौसम विभाग की मानें तो आज यानी 10 नवंबर को भी दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में बारिश देखने को मिलेगी. बता दें, दिल्ली-एनसीआर में हो रही ये बारिश लगभग एक महीने के बाद पहला वेस्टर्न डिस्टरबेंस है. कम बारिश की वजह से मौसम शुष्क था और हवा की रफ्तार भी कम थी और दिल्ली में प्रदूषण की एक बड़ी वजह मौसम का यह व्यवहार भी रहा है. मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ यूं तो बारिश शुक्रवार को ही करेगा लेकिन इसकी वजह से हवाओं की रफ्तार दिन में अगले दो दिनों तक अच्छी रहेगी. बहरहाल, बार‍िश से लोगों को राहत म‍िली है, क्योंक‍ि अब प्रदूषण इतना परेशान नहीं करेगा.

 


 

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