नांदेड़ जिले में शुक्रवार को ओलावृष्टि का कहर देखा गया. यहां बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई. तेज हवा चलने से मकान का टीन उड़कर दो लोगों के माथे पर गिर गया जिससे उनकी मौत हो गई. इस घटना में 15 जानवर भी मौत की चपेट में आ गए. इसके अलावा पूरे नांदेड़ जिले में बारिश से केले की फसल को भारी नुकसान देखा जा रहा है. फसलों के साथ-साथ बागों को भारी नुकसान हुआ है. केले के बाग ओलावृष्टि से चौपट हो गए हैं. नांदेड़ जिले के अलग-अलग तहसीलों के अर्धपुर, कंधार, लोहा माहुर, किनवट तहसील में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है.
इससे पहले भी बारिश से नांदेड़ में कई फसलों का नुकसान हुआ है. हाल की बेमौसम बारिश ने केले के साथ कई सब्जियों की फसलों को चौपट किया है. इसका ताजा मामला शुक्रवार की बारिश का है जिसमें बारिश के कहर से दो लोगों के अलावा 15 मवेशियों की मौत हो गई.
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नांदेड जिले के अर्धापुरी केले का भारी नुकसान हुआ है. किसानों को लाखों रुपये की कमाई देने वाली केले की फसल बेमौसमी बारिश से चौपट हो गई है. जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों में बैमौसम बारिश ने अपना तेवर फिर से दिखाना शुरू कर दिया है. बारिश ने किसानों को आर्थिक संकट में धकेल दिया है. जिले में किसानों की उगाई गई फसल 5500 सौ हेक्टेयर में बर्बाद हो गई है. वहीं जिले में बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई और 15 जानवर भी मौत की चपेट में आ गए.
मौसम विभाग ने नांदेड़ जिले में चार दिनों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है. नांदेड़ जिले में लगातर तीन दिनों से तेज हवा के साथ ओलावृष्टि और बेमौसम बारिश से मकान और फसलों को भारी नुकसान हुआ है. हल्दी, केला, आम सहित कई फसलों और बागों को भारी नुकसान देखा जा रहा है. किसानों ने शासन से नुकसान का पंचनामा कर तुरंत सहायता राशि जारी करने की मांग की है.
लगातर तीन दिनों से तेज हवा के साथ बारिश और ओलावृष्टि से जिले में हाहाकार मचा गया है. इसके चलते जिले में किसानों की उगाई फसलें 5500 हेक्टेयर में बर्बाद हुई हैं. नांदेड़ शहर सहित अर्धपुर, कंधार, लोहा, माहुर, हिमायतगढ़, हदगांव आदि तहसीलों में बेमौसम बारिश हुई और तेज हवाओं के साथ ओले गिरे.
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बेमौसम बारिश से कई तहसीलों में भारी बर्बादी दर्ज की गई है. बारिश और ओलों के कारण किसानों की फसलें बड़े पैमाने पर चौपट हुई हैं. कृषि आधिकारी शिवकुमार चलवदे ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से भारी जानमाल की क्षति हुई है. नांदेड़ के अलग-अलग तहसीलों के किसान एक बार फिर ओले की चपेट आ गए हैं. ये किसान अब सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं.
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