मॉनसून को लेकर सामान्य तौर पर प्रशासन अलर्ट जारी करता रहता है. लेकिन गुना जिले में एक ऐसा भी गांव है जहां बारिश शुरू होते ही हाई अलर्ट जारी किया जाता है. मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बसे सोडा गांव के लिए बारिश का मौसम किसी आपदा से कम नहीं है. सोडा गांव में एक ही परिवार के कई लोग निवासरत हैं. पार्वती नदी के किनारे बसे गांव की जमीन भी काफी उपजाऊ है. गांव में ट्रैक्टर से लेकर खेती बाड़ी के लिए उपयोगी ज्यादातर समान भी उपलब्ध है. जब तक नदी में पानी कम होता है, इस गांव के लोग ट्रैक्टर, मोटर साइकिल और पैदल ही नदी पार कर लेते हैं.
चारों तरफ पार्वती नदी से घिरे इस गांव की तस्वीर बारिश के मौसम में बदल जाती है. नदी में उफान आने के कारण सोडा गांव टापू की तरह दिखाई देने लगता है. हर साल गांव के लोगों को सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर के बचाया जाता है. लेकिन उसके बावजूद इस गांव के लोग अपनी जमीन छोड़ने को तैयार नहीं हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी जमीन उपजाऊ है. उपजाऊ जमीन को छोड़कर जाएं तो कहां जाएं. साल भर इसी जमीन पर खेती बाड़ी करके जीवन यापन करते हैं. हालांकि बारिश के मौसम में जानमाल को नुकसान होने की संभावना बनी रहती है. पिछली बार भी सेना के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया गया था जिससे ग्रामीणों की जान बच सकी थी.
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पंचायत मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया ने बताया कि सोडा गांव बमोरी विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है. गांव के ग्रामीणों को दूसरी जगह भेजने और पहुंचाने के लिए राजी किया जा रहा है. गांव के लोगों की मांग है कि उन्हें फतेहगढ़ में बसाया जाए लेकिन फतेहगढ़ में जमीन नहीं है. कलेक्टर ने ग्रामीणों को मुआवजा देने या हमीरपुर गांव में स्थापित करने का प्रोपोज़ल दिया है. चर्चा जारी है जिसका निराकरण जल्द किया जाएगा. वहीं बारिश के शुरू होते ही कलेक्टर द्वारा हाईअलर्ट जारी कर दिया गया है. मॉनसून को देखते हुए ग्रामीणों से चर्चा की जा रही है. पार्वती नदी में जलस्तर बढ़ने पर समस्या आना शुरू हो जाती है. फिलहाल सोडा गांव में स्थिति ठीक है.
यह ऐसा गांव है जहां हर मॉनसून में बारिश के बाद परेशानी शुरू हो जाती है. यह गांव चारों ओर से पार्वती नदी से घिरा है जहां बारिश शुरू होते ही पानी भरना शुरू हो जाता है. गांव के लोगों को मुसीबत से बचाने के लिए प्रशासन कई तरह की तैयारी करता है. यहां तक कि आपदा प्रबंधन की टीम भी लगती है. यह ऐसा गांव है जहां प्रशासन की तरफ से लोगों को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर लगाया जाता है. यहां तक कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भी इस गांव पर नजर रखते हैं और पल-पल की रिपोर्ट रखते हैं. इस साल पानी की स्थिति ठीक है और बाढ़ जैसी कोई समस्या नहीं देखने में आ रही है. हालांकि नदी में आपदा प्रबंधन की टीम तैयारी के साथ लगी हुई है. जलस्तर जैसे ही बढ़ेगा, टीम मुस्तैदी के साथ अपने काम में लग जाएगी.
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