Success Story on Natural Farming: आज हम सभी अपनी सेहत को लेकर काफी गंभीर हैं. कृषि कार्य में अत्यधिक फर्टिलाइजर के उपयोग का हश्र ये हुआ कि आज 'कैंसर ट्रेन' चलानी पड़ रही है. ऐसे में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही हैं यूपी के अंबेडकर नगर जिले के ग्राम पंचायत रोशन गढ़ गांव खानूपुर की प्रगतिशील महिला किसान कांति देवी. किसान तक से बातचीत में किसान कांति ने बताया कि दो साल पहले केमिकल और फर्टिलाइजर के प्रयोग के दुष्प्रभाव के बारे में अंबेडकर नगर के कृषि विज्ञान केंद्र में जानकारी मिली. तभी से हमने प्राकृतिक खेती करने का मन बना लिया था. आज हम हरी सब्जियों की खेती गाय के गोबर और गोमूत्र से बने तरल जीवामृत का छिड़काव करके बिल्कुल शुद्ध और देसी तरीके से कर रहे हैं. धनजीवा अमृत, तरलजीवा अमृत, बीजामृत के बारे में बताते हुए कांति देवी ने कहा कि इसे बनाना बहुत असान है. इसमें गाय-भैंस का गोबर-गोमूत्र, गुड़ और चने, बेसन और सजीव मिट्टी यानी जिसमें केमिकल न पड़ा हो, उसका इस्तेमाल होता है.
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए हम समूह से जुड़े हैं, जहां आज 500 से अधिक महिला किसान काम कर रही हैं. वहीं हम कृषि विज्ञान केंद्र से भी जुड़े हुए हैं. हम अंबेडकर नगर कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों की गोष्ठी-चौपाल और किसान पाठशाल के जरिए बिना केमिकल और फर्टिलाइजर के इस्तेमाल किए खेती करने के लिए ट्रेनिंग और जागरूक अभियान चलाती हैं. धनजीवा अमृत का खेतों में छिड़काव करने से आज जिले में कई किसानों की फसलों की अच्छी उपज हो रही है. कांति देवी ने आगे बताया कि खेती में फर्टिलाइजर का प्रयोग करने से जमीन बंजर होती जा रही है. लेकिन बहुत से किसान कम समय में ज्यादा मुनाफ कमाने के चक्कर में केमिकल युक्त खेती कर रहे हैं जिससे आने वाले में समय में बहुत घातक परिणाम सामने आ सकते हैं.
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उन्होंने बताया कि तरलजीवा अमृत बनाना बहुत आसान प्रक्रिया है. एक एकड़ जमीन के लिए 10 किलो देसी गाय का गोबर, दो किलो चने का बेसन और दो किलो गुड़ और 500 ग्राम सजीव मिट्टी (वो मिट्टी जो केमिकल युक्त हो) का प्रयोग होता है. 48 घंटे के बाद इसका घोल बनाकर इस्तेमाल किया जा सकता है. अंबेडकर नगर जिले की महिला किसान कांति देवी ने बताया कि बीजामृत बीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रहा है. तोरई और भिंडी की खेती करने वाली कांति देवी आज बंपर पैदावार कर रही हैं. वहीं इन सब्जियों का स्वाद भी बिल्कुल अगल है. यही वजह है कि आज कांति जिले के किसानों के लिए ब्रांड एंबेसडर बन गई हैं.
कांति देवी ने बताया कि कीटनाशक दवाइयों के इस्तेमाल से जमीन की उर्वरक क्षमता प्रभावित होती है. इससे कीट मित्र जमीन से खत्म होते जा रहे हैं. इसी का परिणाम है कि देश और प्रदेश में आपदाएं बढ़ती जा रही हैं. यह मानव जाति के अस्तित्व पर खतरा है. ऐसे में हमें समय रहते सावधान रहना होगा और धरती के अस्तित्व को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना होगा क्योंकि फर्टिलाइजर का दुष्प्रभाव केवल मनुष्यों में ही नहीं देखने को मिल रहा बल्कि पशु-पक्षी भी इससे प्रभावित हो रहे हैं.
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इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में कई इलाके ऐसे भी थे जहां प्राकृतिक ढंग से भी कृषि उत्पादन अधिक था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हमें बीज से लेकर बाजार तक कृषि उत्पादों के प्राकृतिक स्वरूप को बनाए रखना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि यूपी में जल्द ही एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक खेती के लिए समर्पित किया जाएगा.
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