बागेश्वर जिले में कीवी के हब के रूप में पहचान बना चुका शामा, लीती क्षेत्र में कीवी के हजारों बेल अब फलों से लद चुके हैं. अक्तूबर अंत तक शामा, लीती क्षेत्र का कीवी बाजार में आ जाएगा. शामा, लीती क्षेत्र का कीवी काफी सस्ता मिलता है जिस वजह से यह हाथोंहाथ बिक भी जाता है. इस क्षेत्र में कीवी फल उत्पादन का श्रेय शामा निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य भवान सिंह कोरंगा को जाता है. उन्होंने ही सबसे पहले वर्ष 2008 में कीवी उत्पादन के क्षेत्र में कदम रखा. आज वह जिले के प्रमुख कीवी उत्पादकों के रूप में जाने जाते हैं. इतना ही नहीं वह अन्य किसानों को भी कीवी उत्पादन का प्रशिक्षण देते हैं.
आज उनके पास कीवी के करीब 300 बेल हैं. हर साल कई क्विंटल कीवी बाजार में बेचते हैं. कीवी की अलग अलग क्वालिटी के हिसाब से 50 से 200 रुपये किलो तक क्षेत्र में ही बिक जाता है.
भवान सिंह के मार्गदर्शन से लीती में लोगों ने कीवी का उत्पादन शुरू कर दिया है. भवान सिंह ने अपने गांव में फूड प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई है, जिसमें वह कीवी से अलग-अलग जूस और कैंडी तैयार कर बाजार में सप्लाई कर रहे हैं, जिससे उन्हें हर महीने लाखों की कमाई हो रही है.
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कीवी उत्पादक भवान सिंह कोरंगा का कहना है कि शामा में कीवी उत्पादन से करीब 80 अन्य लोग जुड़े हुए हैं. लीती में 40 परिवार कीवी का उत्पादन कर रहे हैं. उन्होंने आगे बताया कि उनकी नर्सरी में दस हजार कीवी के पौधे हैं, जिसमें ग्राफ्टेड पौधा 275 रुपये में बिकता है. सामान्य तरीके से तैयार पौधे 225 रुपये में बिकते हैं. इस हिसाब से कीवी के पौधों से लाखों रुपये की कमाई हो जाती है. उन्होंने पलायन कर रहे युवाओं से अपनी बंजर भूमि में कीवी की खेती करने का आह्वान करते हुए कहा कि अगर पूरा उत्तराखंड भी कीवी पैदा करेगा तो भी मांग पूरी नहीं हो सकती, क्योंकि बाजार में कीवी की इतनी मांग है.
कीवी में विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन के, विटामिन सी और विटामिन बी सिक्स जैसे विटामिन के अलावा जिंक, मैग्नीशियम और फास्फोरस भी पाया जाता है. कीवी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट त्वचा को धूप और प्रदूषण से होने वाले नुकसान से बचाने में कारगर हो सकते हैं. साथ ही यह शरीर में प्लेटलेट्स बढ़ाने का भी काम करता है. कीवी में सेरोटोनिन नामक यौगिक होता है, जो अच्छी नींद लाने में मदद कर सकता है. इन्हीं गुणों को देखते हुए बाजार में कीवी की मांग काफी अधिक है. जिस वजह से इसकी खेती कर रहे किसानों को अच्छा मुनाफा मिलता है. (जगदीश पांडेय की रिपोर्ट)
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