Kesar Farming: बिहार में शुरू हुई केसर की खेती, इस किसान ने लगाए 300 पौधे

Kesar Farming: बिहार में शुरू हुई केसर की खेती, इस किसान ने लगाए 300 पौधे

बिहार के गया के टिकारी प्रखंड के गुलरिया चक में केसर की खेती शुरू हो गई है. ट्रायल के तौर पर केसर के 300 पौधे लगाए गए हैं. अब इसमें फूल निकलने लगे हैं. केसर सबसे महंगा बिकने वाला उत्पाद है. बाजारों में इसकी कीमत करीब 5 लाख रुपये होने का अनुमान है.

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Kesar Farming: बिहार में शुरू हुई केसर की खेती, इस किसान ने लगाए 300 पौधेSaffron cultivation is happening in Bihar

केसर का नाम सुनते ही सबसे पहले हमारे दिमाग में कश्मीर का ख्याल आता हैकेसर यहां की वादियों में केसर की खुशबू सदियों से मौजूद हैकेसर जिसके कारण केसर यहां की पहचान बन गया है. लेकिन अब बदलते समय के साथ इसमें भी कई बदलाव देखने को मिले हैंकेसर बढ़ती तकनीक और विज्ञान की मदद से अब कहीं भी किसी भी चीज की खेती आसानी से की जा सकती हैकेसर बिहार के आशीष कुमार ने एक बार फिर इस बात को सच साबित कर दिया है. तकनीक की मदद से आशीष ने गया में केसर की खेती कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. आइए जानते हैं आशीष की पूरी कहानी. 

गया में हो रही केसर की खेती

बिहार के गया के टिकारी प्रखंड के गुलरिया चक में केसर की खेती शुरू हो गई है. ट्रायल के तौर पर केसर के 300 पौधे लगाए गए हैं. अब इसमें फूल निकलने लगे हैं. केसर सबसे महंगा बिकने वाला उत्पाद है. बाजारों में इसकी कीमत करीब 5 लाख रुपये होने का अनुमान है. यही कारण है कि केसर को ग्राम में बेचा जाता है. 

ट्रायल के तौर पर शुरू हुई केसर की खेती

केसर की खेती के बारे में बताते हुए किसान आशीष ने कहा कि इसे ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है. फिलहाल 300 बल्ब लगाये गये हैं. ट्रायल सफल रहा तो आने वाले दिनों में पांच गमलों में केसर के बल्ब लगाए जाएंगेकेसर अभी 300 बल्ब लगाए गए हैं, इनमें एक हजार फूल निकलेंगे. केसर के फूल में तीन पंखुड़ियाँ होती हैं.  केसर 300 बल्बों से लगभग 100 ग्राम केसर के फूल निकलेंगे. फिलहाल इस पर करीब 7 हजार रुपये ही खर्च हुए हैं और अनुमान है कि 100 ग्राम केसर की पंखुड़ियां निकलेंगी. इसकी कीमत अब 45 से 50 हजार रुपये होगी.

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कैसे की जाती है केसर की खेती?

केसर की खेती के लिए पांच डिग्री से लेकर 20 डिग्री तक का तापमान उपयुक्त बताया जाता है. केसर समुद्र तल से 1000 से 2500 मीटर की ऊंचाई पर उगाया जाता है. केसर की खेती के लिए बर्फीले इलाके बेहतर माने जाते हैं. इसकी खेती कर किसान भी अच्छी कमाई कर सकते हैं. साथ ही केसर की खेती बलुई दोमट और दोमट मिट्टी में की जाती है. लेकिन बढ़ती तकनीक और उचित देखभाल की मदद से इसकी खेती राजस्थान जैसे शुष्क क्षेत्रों में भी की जा सकती है. केसर की खेती के लिए जलजमाव वाली जगह नहीं होनी चाहिए. क्योंकि केसर के बीज पानी में सड़ने से नष्ट हो जाते हैं. इसकी खेती के लिए भूमि का पीएच मान सामान्य होना चाहिए. 

कहां होती है केसर की खेती?

पूरे विश्व की बात करें तो केसर की खेती फ्रांस, स्पेन, भारत, ईरान, इटली, ग्रीस, जर्मनी, जापान, रूस, ऑस्ट्रिया, तुर्किस्तान, चीन, पाकिस्तान का क्वेटा और स्विट्जरलैंड में की जाती है. सबसे अधिक केसर उगाने स्पेन में उगाया जाता है. इसके बाद ईरान दूसरे नंबर पर है. कुल उत्पादन का 80% इन दोनों देशों में उगाया जा रहा है. जो लगभग 300 टन प्रति वर्ष है. 

भारत में केसर की खेती हिमालय के पास के राज्यों जैसे जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में की जाती है. लेकिन मूल रूप से भारत में केसर की खेती ज्यादातर कश्मीर में ही की जाती है. जम्मू के डोडा जिले के किश्तवाड़ कस्बे के पुछल, मट्टा, चरहार और टुंड इलाकों में उगाया जाने वाला केसर आज भी दुनिया का सबसे अच्छा और सुगंधित केसर माना जाता है. लेकिन इसके बावजूद इसे कश्मीर केसर के नाम से बेचा जाता है, क्योंकि दुनिया जानती है कि अच्छा केसर कश्मीर में ही पैदा होता है.

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