Drone Didi: सरकारी ड्रोन से हिना के सपनों को मिली नई उड़ान, पढ़ाई के साथ रोजगार के खुले रास्ते 

Drone Didi: सरकारी ड्रोन से हिना के सपनों को मिली नई उड़ान, पढ़ाई के साथ रोजगार के खुले रास्ते 

खेती के क्षेत्र में कृषि ड्रोन कर रहा एक क्रांतिकारी बदलाव. कृषि ड्रोन पायलट बनकर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं बन रही हैं आत्मनिर्भर. नालंदा जिले की हिना परवीन ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेकर कर रहीं अच्छी कमाई. पढ़िए इनकी सफलता की कहानी. 

Advertisement
Drone Didi: सरकारी ड्रोन से हिना के सपनों को मिली नई उड़ान, पढ़ाई के साथ रोजगार के खुले रास्ते ड्रोन दीदी योजना से हिना को मिला फायदा

ड्रोन के रिमोट पर अपनी अंगुलियों का जादू दिखाती हिना परवीन काफी खुश हैं. हवा को चीरते अपने कृषि ड्रोन को आगे बढ़ाते हुए कहती हैं कि इस ड्रोन की बदौलत उनके सपनों को एक उड़ान मिल रही है. कभी लोग मुझे हिना परवीन के नाम से जानते थे. आज लोग ड्रोन पायलट के रूप में जान रहे हैं. इस कृषि ड्रोन को उड़ाते समय में एक अलग ही गौरव की अनुभूति होती है. बिहार की राजधानी पटना से करीब सौ किलोमीटर दूर नालंदा जिले की रहने वाली हिना परवीन ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग लेने के बाद अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं. कभी ड्रोन को इतने नजदीक से नहीं देखने वाली हिना जब कृषि ड्रोन से खेतों में दवा का छिड़काव करती हैं, तो लोगों के बीच ड्रोन से ज्यादा हिना परवीन की चर्चा होती है.

ड्रोन के रिमोट पर अपनी अंगुलियों का जादू दिखाती हिना परवीन काफी खुश है.
ड्रोन के रिमोट पर अपनी अंगुलियों का जादू दिखाती हिना परवीन काफी खुश हैं

बता दें कि हिना को बिहार सरकार की उद्यमी योजना से कृषि ड्रोन मिला है. वहीं इन्हें कृषि ड्रोन के लिए सरकार की ओर से दस लाख रुपये मिला जिसमें पांच लाख रुपये की सब्सिडी है. वहीं पांच लाख की राशि सात साल में देना है. परवीन कहती हैं कि उन्होने सरकार द्वारा चयनित वैमानिका एयरोस्पेस से पिछले साल प्रशिक्षण लिया था. बदलाव के इस युग में, जहां खेती आधुनिक तरीके से की जा रही है, उस दौर में कृषि ड्रोन एक क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है. 

ये भी पढ़ें-मोतिहारी चीनी मिल पर पीएम मोदी की गारेंटी भी हुई फेल, कर्मचारी और किसान अभी तक पैसे के इंतजार में

पढ़ाई के साथ मिला रोजगार 

नालंदा जिले के हिलसा की रहने वाली परवीन किसान तक को बताती हैं कि जब वह कृषि ड्रोन की ट्रेनिंग ले रही थीं, तो उनके साथ कई अन्य महिलाएं भी प्रशिक्षण ले रही थीं. सबका यही कहना था कि यह ड्रोन उन्हें समाज में एक अलग पहचान दिलाने का काम करेगा. आगे परवीन अपने बारे में बताते हुए कहती हैं कि वह अभी बीए पार्ट टू में पढ़ाई कर रही हैं. उन्होने कभी नहीं सोचा था कि जिस विषय से पढ़ाई कर रही हैं, उस पढ़ाई से ड्रोन पायलट की ट्रेनिंग मिलेगी. लेकिन कृषि ड्रोन पायलट बनने के लिए किसी भी विषय में पढ़ाई के साथ इसके प्रति लगाव होना चाहिए. आज पढ़ाई करने के दौरान ही रोजगार मिल गया. मेरे साथ पढ़ने वाली अन्य साथी और गांव की अन्य लोग मुझसे  ड्रोन ट्रेनिंग से जुड़ी जानकारी लेते रहते हैं. 

ये भी पढ़ें-बीजेपी में खत्‍म हो गया भोजपुरी गायक पवन सिंह का करियर! चुनाव लड़ने पर पार्टी ने निकाला

रोज की दो हजार की कमाई 

हिना जिस जिले से ताल्लुक रखती हैं, उस जिले में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. वे कहती हैं कि ड्रोन का ज्यादा उपयोग सब्जियों में दवा छिड़काव के रूप में करती हैं. एक दिन में चार से पांच काम दवा छिड़कने का मिल जाता है. इससे एक दिन में दो हजार रुपये आसानी से कमा लेती हैं. अभी जिले में ही दवा का छिड़काव कर रही हैं. अगर दूसरे जिले में भी दवा छिड़कने का काम मिलेगा. तो वहां भी जा सकती हैं. आगे वह कहती हैं कि कृषि ड्रोन का केवल उपयोग दवा छिड़कने के लिए ही नहीं है. बल्कि इसकी मदद से फसल के स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं. साथ ही जमीन की नपाई भी की जा सकती है. 

POST A COMMENT