Bihar: किसान के बेटे ने रचा इतिहास, सबसे कम उम्र में पास किया IIT-JEE, अब अमेरिका में कर रहा पीएचडी

Bihar: किसान के बेटे ने रचा इतिहास, सबसे कम उम्र में पास किया IIT-JEE, अब अमेरिका में कर रहा पीएचडी

सत्यम कुमार की सफलता की कहानी 12 साल की उम्र में शुरू हुई. वह बचपन से ही मेधावी और बहुत होनहार थे. उनकी योग्यता के कारण कई बार स्कूल बदलना पड़ा और कुछ समय के लिए गाँव के एक व्यक्ति की सलाह पर सत्यम को कोटा भेजा गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि महज 12 साल की उम्र में सत्यम ने अच्छे अंकों के साथ आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की.

Advertisement
Bihar: किसान के बेटे ने रचा इतिहास, सबसे कम उम्र में पास किया IIT-JEE, अब अमेरिका में कर रहा पीएचडीसत्यम ने 12 साल की उम्र में पास कर लिया आईआईटी

बिहार के आरा के एक किसान परिवार से आने वाले एक छात्र ने न सिर्फ आईआईटी की दुनिया में इतिहास रचा है, बल्कि अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी और एप्पल जैसी बड़ी कंपनी तक का सफर भी तय किया है. ये वो स्टूडेंट है जो बाकियों से अलग है. क्योंकि देश में सबसे कम उम्र में महज 12 साल की उम्र में आईआईटी क्रैक करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है. हम बात कर रहे हैं भोजपुर जिले के सबसे चर्चित गांव बखोरापुर के सिद्धनाथ सिंह के बेटे सत्यम कुमार की. सत्यम ने अपने छात्र जीवन में ही कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं जो ज्यादातर लोग अपने पूरे जीवन में नहीं कर पाते हैं.

सबसे कम उम्र में लिया IIT में एडमिशन

सत्यम कुमार की सफलता की कहानी 12 साल की उम्र में शुरू हुई. वह बचपन से ही मेधावी और बहुत होनहार थे. उनकी योग्यता के कारण कई बार स्कूल बदलना पड़ा और कुछ समय के लिए गाँव के एक व्यक्ति की सलाह पर सत्यम को कोटा भेजा गया. जिसका नतीजा यह हुआ कि महज 12 साल की उम्र में सत्यम ने अच्छे अंकों के साथ आईआईटी की प्रवेश परीक्षा पास की. और आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक की दोहरी डिग्री भी हासिल की. इसके बाद सत्यम ब्रेन कंप्यूटर पर पीएचडी करने के लिए अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी चले गए.

ये भी पढ़ें: Success Story: पहले बीटेक किया फिर बेंगलुरु में नौकरी.. मिट्टी के कुल्हड़ ने बदली किस्मत, पढ़िए 31 साल के इस युवा की कहानी

बखोरापुर से अमेरिका तक का सफर

सत्यम के परिवार में दादा राम लाल सिंह पूरे परिवार को एक साथ लेकर चलते हैं. हमारे साथ रहने के कारण ही सत्यम अपनी पढ़ाई पूरी कर सका. क्योंकि सत्यम के पिता और उनके दो चाचा पशुपति सिंह और रामपुकार सिंह की मदद से सत्यम बखोरापुर से अमेरिका तक का सफर पूरा कर रहा है. कई बार स्थिति ऐसी बनी कि घर, खेत, जमीन सब कुछ गिरवी रखना पड़ा. लेकिन सत्यम की प्रतिभा के कारण उन्हें स्कॉलरशिप मिली और सत्यम फिलहाल अमेरिका से अपनी पीएचडी पूरी कर रहे हैं.

एप्पल में कर चुके है इंटर्नशिप

आईआईटी कानपुर से बीटेक और एमटेक करने के बाद सत्यम को दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार एप्पल, गूगल और फेसबुक में इंटर्नशिप करने का मौका मिला. जिसमें सत्यम ने एप्पल को चुना और स्विट्जरलैंड के एक शहर में तीन महीने की इंटर्नशिप पूरी की. छात्र जीवन में सत्यम द्वारा इतनी उपलब्धियां हासिल करने से न केवल परिवार बल्कि पूरे गांव को उस पर गर्व है. (आरा से सोनू कुमार सिंह की रिपोर्ट)

POST A COMMENT