आयुष सुलतानिया अपने साथियों के साथ मिलकर गाय के गोबर से बने लक्ष्मी गणेश जी भी बनाते हैं जो कि पूरी तरह से इकोफ्रैंडली भी हैं और देखने में भी बहुत सुंदर दिखते हैं. इनकी मांग भी काफी रहती है. आयुष बताते हैं कि इस तरह के गणेश जी लोग आजकल उपहार के तौर पर भी देते हैं.
आयुष की कंपनी अर्थ कार्ट में ग्रामीण और श्री कृष्ण गौशाला में काम करने वाली महिलाएं हाथ बटाती हैं और गाय के गोबर से बने उत्पाद बनाती हैं. इससे उनको अच्छी कमाई भी हो जाती है और इस काम को करने में वो काफी रुची भी दिखाती हैं.
यहां गाय के गोबर और गौमूत्र से बने दिए भी बनाए जाते हैं और इनकी मांग भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ रही है, खासकर दीवाली के समय इसकी मांग काफी रहती है.
यहां गाय के गोबर और गौमूत्र से बने दिए भी बनाए जाते हैं और इनकी मांग भारतीय बाजार में तेजी से बढ़ रही है, खासकर दीवाली के समय इसकी मांग काफी रहती है.
आयुष ने अपने साथियों के साथ मिलकर गाय के गोबर और गौमूत्र से केदारनाथ धाम मंदिर बनाया है. इस म्यूजियम पर आने वाले लोगों के लिए यह आकर्षण का मुख्य केंद्र भी रहता है. साथ ही इस तरह के मंदिर को लेकर उन्हें काफी ऑर्डर भी मिल रहे हैं.
दिल्ली के बवाना में स्थित श्रीकृष्ण गौशाला में स्थित गोबरधन म्यूजियम अंदर से कुछ ऐसा दिखाई देता है, यहां गाय के गोबर से बने अलग-अलग तरह के उत्पादों को रखा गया है. यहां आने वाले लोगों के लिए यह आकर्षण का केंद्र भी बना हुआ है.
आयुष ने गाय के गोबर और गौमूत्र से दीवार घड़ियां बनाई और इन पर मशहूर मधुबनी पेंटिंग की डिजाइन दी है. इस खास तरह की दीवार घड़ियां भी लोगों को पसंद आ रही हैं.
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