उत्तर प्रदेश में पांचवा वेटरनरी कॉलेज (Veterinary college) खुलने का रास्ता पूरी तरीके से साफ हो गया है. यह वेटरनरी कॉलेज गोरखपुर- वाराणसी राजमार्ग पर ताल नंदौर में बनाया जाएगा. इसके लिए 50 एकड़ की जमीन चिन्हित कर ली गई है जिसमें से 25 एकड़ जमीन पशुपालन विभाग को आवंटित भी दी कर दी गई है. 2018 में ही इस वेटरनरी कॉलेज की परियोजना को मंजूरी दे दी गई थी लेकिन अभी तक जमीन नहीं मिल सकी थी जिसके चलते काम शुरू नहीं हो सका थाथा. पहले भी वेटरनरी कॉलेज के लिए चरगवां में 30 एकड़ जमीन खोज लिया गया था लेकिन बाद में आयुष विश्वविद्यालय एवं वेटरनरी कॉलेज(Veterinary college) के लिए एक साथ जमीन लेने का निर्णय किया गया.
उत्तर प्रदेश में अब तक चार वेटरनरी कॉलेज मौजूद है. वही अब पूर्वांचल के पहले वेटरनरी कॉलेज बनने का रास्ता साफ हो चुका है. वेटरनरी कॉलेज के निर्माण के लिए जमीन ना मिलने के कारण 5 सालों से परियोजना अटकी हुई थी. अब जाकर प्रशासन ने गोरखपुर-वाराणसी राजमार्ग पर ताल नदौर में 50 एकड़ जमीन को खोजा है. फिलहाल अभी 25 एकड़ जमीन पशुपालन विभाग को आवंटित कर दी गई है. शेष जमीन भी जल्द ही आवंटित की जाएगी. यह वेटरनरी कॉलेज लगभग 600 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा. हालांकि 2018 में जब इस कॉलेज को स्थापित करने का निर्णय हुआ था तो उस समय इसकी लागत 325 करोड रुपए बताई गई थी.
गोरखपुर की सदर तहसील प्रशासन ने ताल कन्दला में 50 एकड़ जमीन को चिन्हित किया था जिसका निरीक्षण भी पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवम गो-अनुसंधान मथुरा की विशेषज्ञ टीम ने किया था. बाद में इस जमीन को भी शासन ने अनुपयुक्त बताया था. चारगवा में राजस्व विभाग की टीम ने शासन को 30 एकड़ जमीन उपलब्ध कराया गया था लेकिन यह जमीन वन विभाग की आपत्ति के चलते अधिग्रहित नहीं हो सकी.
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उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में अब तक कोई भी वेटनरी कॉलेज मौजूद नहीं था. 2017 में प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद 2018 में गोरखपुर में पांचवा वेटरनरी कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया गया. अब तक मथुरा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवम गो अनुसंधान संस्थान, बरेली, फैजाबाद और इलाहाबाद में वेटरनरी कॉलेज मौजूद हैं.
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