यूपी : बुनकरों के उद्योग उन्नत करने के लिए 3 नई योजनाएं, अनुदान पर लगा सकेंगे पावरलूम

यूपी : बुनकरों के उद्योग उन्नत करने के लिए 3 नई योजनाएं, अनुदान पर लगा सकेंगे पावरलूम

यूपी की योगी सरकार ने प्रदेश के बुनकरों काे हैंडलूम और पावरलूम लगाने और पहले से संचालित हो रही हैंडलूम को उन्नत बनाने के लिए वित्तीय सहायता देने की तीन योजनाओं को मंजूरी प्रदान कर दी है. इनके तहत बुनकरों को 60 से 80 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा. साथ ही बुनकरों को पावरलूम के बिजली बिल में भी छूट देने की पहल की है.

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यूपी : बुनकरों के उद्योग उन्नत करने के लिए 3 नई योजनाएं, अनुदान पर लगा सकेंगे पावरलूमयूपी सरकार ने बुनकरों को अनुदान पर आधुनिक हैंडलूम लगाने की योजना शुरू की, फोटो साभार : फ्रीपिक

योगी सरकार ने बुनकर समुदाय के उत्थान के लिए तीन योजनाएं शुरू की हैं. इनमें बाजार की मांग के अनुरूप हैंडलूम और पावरलूम को आधुनिक तकनीक से जोड़कर बुनकरों को उद्योग की मुख्य धारा से जोड़ने का मकसद है.

योगी मंत्रि‍मंडल ने इन योजनाओं काे मंंजूरी प्रदान करते हुए इनका कार्यकाल 5 साल के लिए निर्धारित किया है. भविष्य में इन योजनाओं के प्रावधानों में किसी प्रकार के संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है. 

मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना

यह योजना गैर अनुसूचित जाति वर्ग में सामान्य श्रेणी के पावरलूम एवं हथकरघा बुनकरों के औद्योगिक उन्नयन के लिए है. इस योजना में हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों के उद्योग को प्रोत्साहित करने के क्रम में पुरानी तकनीक एवं परम्परागत हथकरघा उद्योग को उन्नत बना कर कपड़ों की बेहतर गुणवत्ता और अध‍िक उत्पादन सुनिश्चित किया जाएगा. सरकार का दावा है कि इससे हथकरघा एवं पावरलूम बुनकरों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा.

इसके अलावा बुनकर उद्योग में आने के इच्छुक युवाओं को रोजगार से जोड़ना एवं स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षित कर वित्तीय सहायता मुहैया कराना भी इस योजना का मकसद है. जिससे प्रदेश में पुराने एवं परम्परागत हथकरघा और पावरलूम के स्थान पर उन्नत संयंत्र स्थापित हो सकें.

बुनकर को ट्रेनिंग भी कराएगी सरकार

बुनकरों की मौजूदा जरूरतों को देखते हुए इस योजना के तहत आधुनिक पावरलूम संचालन तकनीक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा. प्रशिक्षण कार्यक्रम पर प्रति आवेदक 5 हजार रुपये का व्यय होगा. इसे राज्य सरकार द्वारा अनुदान के रूप में उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही बुनकरों को उन्नत किस्म के हथकरघा एवं पावरलूम की स्थापना करने और बुनकरों के लिए प्रश‍िक्षण केन्द्र बनाने के लिए सरकार अनुदान देगी. इसमें उन्नत किस्म के हथकरघा स्थापित करने के लिए फ्रेम अथवा पिटलूम लगाई जा सकेगी. जबकि सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम या पूरी तरह से ऑटोमैटिक पावरलूम के उपकरणों की खरीद पर अनुदान मिलेगा.

मिलेगा इतना अनुदान

एक आवेदक को ऑटोमैटिक पावरलूम या सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम में से किसी एक को लगाने पर अनुदान मिलेगा. इसके तहत एक हथकरघा बुनकर को 01 पिटलूम लगाने की अनुमानित 25 हजार रुपये लागत के एवज में 80 प्रतिशत अनुदान के रूप में 20 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा. शेष 20 प्रतिशत धनराशि (5 हजार रुपये) लाभार्थी बुनकर द्वारा अपने निजी स्रोतों से वहन की जायेगी.

इसी तरह एक हथकरघा बुनकर को 01 फ्रेमलूम (जैकार्ड एवं अन्य उपकरणों सहित) की अनुमानित 40 हजार रुपये कीमत के एवज में 75 प्रतिशत अथवा 30 हजार रुपये का अनुदान मिलेगा. शेष 25 प्रतिशत धनराशि (10 हजार रुपये) लाभार्थी द्वारा खुद वहन की जायेगी. एक बुनकर इन विकल्पों मे से किसी एक श्रेणी के अधिकतम 02 हथकरघा की खरीद पर शासकीय अनुदान प्राप्त कर सकता है.

आधुनिक पावरलूम के लिए अनुदान

इस योजना के अन्तर्गत नवीन पावरलूम लगाने के लिए 60 प्रतिशत अनुदान मिलेगा. नवीन पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 01 लाख 25 हजार रुपये है. इसे लगाने के लिए 75 हजार रुपये अथवा कीमत का 60 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा. शेष 40 प्रतिशत धनराशि (50 हजार रुपये) लाभार्थी बुनकर द्वारा वहन की जाएगी.

इसी तरह 1.50 लाख रुपये की बाजार कीमत वाली सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम लगाने पर 90,000 रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा. शेष राश‍ि बुनकर द्वारा वहन की जाएगी. वहीं, ऑटोमैटिक पावरलूम (शटल लेस लूम या रैपियर लूम) की अनुमानित बाजार कीमत 05 लाख रुपये की खरीद पर 03 लाख रुपये या 60 प्रतिशत जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा.

इसके अतिरिक्त इस लूूम को लगाने पर 1 लाख रुपये बैंक से ऋण के रूप में आवेदक ले सकता है. ऐसे में आवेदक को 01 लाख रुपये खुद वहन करने होंगे. यदि आवेदक अपना अंश लगाने में सक्षम नहीं है, तो वह 02 लाख रुपये बैंक ऋण ले सकता है. यह सुविधा एक बुनकर को एक ऑटोमैटिक पावरलूम क्रय हेतु प्रदान की जाएगी.

इस योजना के तहत बुनकर अपने स्वामित्व वाली जमीन पर बुनकरों के प्रश‍िक्षण के लिए कार्यशाला का निर्माण भी करा सकता है. इसमें हथकरघा बुनकर कार्यशाला के लिए 80 हजार रुपये, नवीन एवं सेमी ऑटोमैटिक पावरलूम के लिए 1.50 लाख रुपये एवं ऑटोमैटिक पावरलूम कार्यशाला हेतु 01 लाख रुपये अनुदान मिलेगा.

झलकारी बाई कोरी हथकरघा योजना

इसके तहत दूसरी योजना झलकारी बाई कोरी हथकरघा एवं पावरलूम विकास योजना को योगी मंत्रिमंडल से मंजूरी मिली है. इस योजना में प्रदेश के अनुसूचित जाति के पावरलूम बुनकरों को विभ‍िन्न श्रेणी की पावरलूम लगाने के लिए 80 प्रतिशत तक अनुदान मिलेगा. इसमें प्रशि‍क्षण एवं तीनों प्रकार की पावरलूम लगाने पर अनुदान के प्रावधान मुख्यमंत्री हैण्डलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना के समान ही हैं.

अटल बिहारी बाजपेई पावरलूम बुनकर बिजली फ्लैट रेट योजना 

इस योजना में पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट पर बिजली की आपूर्ति करायी जाएगी. यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर बुनकरों के लिए है. अतः इस योजना के दायरे में 05 किलोवॉट तक के बिजली के कनेक्शन धारक ही आएंगे. इसमें वाराणसी की कलाबत्तु एवं जरी निर्माण में काम आने वाली मशीनों काे भी सम्मिलित किया गया है.

इसके तहत 05 किलोवॉट तक के नगरीय क्षेत्र के बिजली कनेक्शन धारक बुनकरों के 0.5 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम पर 400 रुपये प्रतिमाह एवं 01 हॉर्स पावर मशीन से चलने वाले पावरलूम पर 800 प्रति पावरलूम बिजली का बिल लिया जाएगा. ग्रामीण इलाके में इस श्रेणी के बिजली के कनेक्शन धारक बुनकरों से 0.5 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम पर 300 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम 01 हॉर्स पावर से चलने वाले पावरलूम पर 600 रुपये प्रतिमाह प्रति पावरलूम बिजली का बिल देय होगा.

05 किलोवॉट से ज्यादा भार के पावरलूम कनेक्शन को 700 रुपये प्रति हॉर्स पावर व अधिकतम 9,100 रुपये प्रतिमाह के हिसाब से अनुदान दिया जाएगा. यह अनुदान ऊर्जा विभाग के बिल में कम करके दिया जायेगा. हथकरघा विभाग इस अनुदान की राशि का भुगतान ऊर्जा विभाग को करेगा.

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