केंद्र सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है. इन योजनाओं में पीएम कुसुम योजना भी शामिल है. इस योजना के माध्यम से किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई करने में बिजली और डीजल की बचत होगी. वहीं सोलर पंप लगाने से किसान की फसल लागत में कमी आएगी, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा. उत्तर प्रदेश में किसानों को अब तक 10000 से ज्यादा सोलर पंप का आवंटन हो चुका है. पीएम कुसुम योजना के तहत 60 फीसदी के सब्सिडी पर सोलर पंप किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वही बाकी का 40 फीसदी पैसा चालान के जरिए बैंक में जमा करना होता है. फिलहाल केंद्र सरकार पीएम कुसुम योजना की अवधि को मार्च 2026 तक बढ़ा चुकी है, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा किसानों को सोलर पंप का लाभ मिल सके.
पीएम कुसुम योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसके तहत किसानों को सोलर पंप पूरे देश में उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. पीएम कुसुम योजना की शुरुआत 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा हुई थी. वहीं अब इस योजना का विस्तार 2026 तक कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में भी इस योजना के तहत किसानों को 10000 से ज्यादा सोलर पंप उपलब्ध कराए जा चुके हैं.
ये भी पढ़ें : Explained: प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, मिलेट्स को क्यों दिया 'श्री अन्न' का नाम
पीएम कुसुम योजना के तहत 16 प्लांट लगवाने पर किसानों को 60 फ़ीसदी की सब्सिडी मिलती है, जिसमें 30 फ़ीसदी अंश केंद्र सरकार का होता है, जबकि 30 फ़ीसदी राज्य सरकार का अंश होता है. 40 फ़ीसदी पैसा किसानों को देना होता है.
पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को www.upagriculture.com पर आवेदन करना होगा. पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को 2hp से लेकर 10 एचपी तक के सोलर पंप उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. किसानों को आवेदन करने के लिए आधार कार्ड ,पासपोर्ट साइज की फोटो, अपने जमीन के पेपर और बैंक खाते की जानकारी देनी होती है.
किसानों को अपनी फसलों की सिंचाई के लिए डीजल पंपसेट और बिजली के पंपसेट पर आश्रित होना पड़ता है. उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों को बिजली की समस्या का सामना भी करना पड़ता है. ऐसे में महंगे दामों पर डीजल पंप से सिंचाई करने से उनकी फसल की लागत बढ़ जाती है, जिससे उन्हें होना वाला मुनाफा कम हो जाता है. ऐसे में सोलर पंप योजना किसानों के लिए फायदे का सौदा है. सोलर पंप के माध्यम से जहां बिजली की बचत होती है तो वही महंगे डीजल की सिंचाई से किसानों को छुटकारा भी मिलता है.
उत्तर प्रदेश के किसानों को अपनी बंजर और अनुपयोगी कृषि भूमि पर सोलर प्लांट लगवा कर फायदा भी कमा सकते हैं. वही किसान सोलर प्लांट से बिजली उत्पादन करके बुंदेलखंड में फायदा कमा रहे हैं. पीएम कुसुम योजना के तहत 1 मेगा वाट का सोलर प्लांट लगाने के लिए 5 एकड़ जमीन की आवश्यकता होती है, जबकि दशमलव 2 मेगावाट बिजली उत्पादन का काम सिर्फ 1 एकड़ में भी हो सकता है. फिलहाल सोलर बिजली उत्पादन में महोबा, जालौन, हाथरस ,बिजनौर, देवरिया और लखनऊ के किसानों को सुविधा मिल रही है. इन जिलों में किसान अपनी अतिरिक्त बिजली बेचकर फायदा कमा सकते हैं.
ये भी पढ़ें :
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today