Packhouse: पूर्वांचल का पहला पैकहाउस बन कर हुआ तैयार, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी प्रोसेसिंग

Packhouse: पूर्वांचल का पहला पैकहाउस बन कर हुआ तैयार, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी प्रोसेसिंग

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पैक हाउस के माध्यम से फल और सब्जियों के निर्यात बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. वाराणसी के करखियाव में पूर्वांचल का पहला पैक हाउस तैयार हो चुका है. प्रदेश में कुल तीन पैक हाउस काम कर रहे हैं. वाराणसी में नवनिर्मित इंटीग्रेटेड पैक हाउस से पूर्वांचल के किसानों के द्वारा उगाई जा रही सब्जी और फलों की निर्यात का रास्ता खुलेगा.

Advertisement
Packhouse: पूर्वांचल का पहला पैकहाउस बन कर हुआ तैयार, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी प्रोसेसिंगवाराणसी के करखियाव में बन कर तैयार हुआ पैक हाउस

उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा पैक हाउस(packhouse) के माध्यम से फल और सब्जियों के निर्यात बढ़ाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. वाराणसी के करखियाव में पूर्वांचल का पहला पैक हाउस तैयार हो चुका है. प्रदेश में कुल तीन पैक हाउस काम कर रहे हैं. वाराणसी में नवनिर्मित इंटीग्रेटेड पैक हाउस से पूर्वांचल के किसानों के द्वारा उगाई जा रही सब्जी और फलों की निर्यात का रास्ता खुलेगा. सरकार की योजना है कि इस पैक हाउस के बनने से किसान और बाजार के बीच बिचौलियों का दुष्चक्र भी टूटेगा. वही इससे किसानों की आय में भी इजाफा होगा.

पैक हाउस (packhouse) से बढ़ेगा सब्जी का निर्यात

पूर्वांचल के पहले पैकहाउस का निर्माण वाराणसी के करखियाव में किया गया है जिसका लोकार्पण 24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. इंटीग्रेटेड पैक हाउस फॉर फूड एंड वेजिटेबल एक्सपोर्ट का निर्माण पूर्वांचल के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है. देसी तकनीक पर आधारित इस पैक हाउस से पूर्वांचल के लंगड़ा आम और सब्जियों की पहुंच विदेशों तक हो जाएगी. स्वदेशी तकनीक पर आधारित पैक हाउस में फलों के लिए प्रसंस्करण की यूनिट भी लगाई गई है जिसमें वेपर ही ट्रीटमेंट यूनिट मौजूद है. इसकी क्षमता 2500 किलोग्राम प्रति 4 घंटा है. हॉट वाटर ट्रीटमेंट प्लांट प्रति घंटा 500 किलोग्राम फल एवं सब्जियों का प्रसंस्करण करती है.

दुबई में होता है फल और सब्जियों का सबसे ज्यादा निर्यात

वाराणसी के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के माध्यम से शारजाह जाने वाले विमान में प्रतिदिन सब्जियों का निर्यात होता है.  इन सब्जियों में हरी मिर्च, भिंडी, कुन्नरू और मुजफ्फरपुर की लीची लंगड़ा आम शामिल है. किसानों के समूह एफपीओ द्वारा यह सब्जियां भेजी जा रही है. किसानों और कृषि उद्यमियों के बीच बिचौलियों को हटाकर उन्हें एक्सपोर्टर बनाने में जुटे कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उत्पाद निर्यात विकास विभाग के प्रयास में यह पैक हाउस मील का पत्थर साबित होगा.

ये भी पढ़ें :Dry canals: सूखी नहरों ने किसानों की उम्मीदों पर फेरा पानी, सूखने लगी धान की नर्सरी

अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगी पैक हाउस में प्रोसेसिंग

वाराणसी के करखियाव में बने पैक हाउस को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया गया है जिसमें पेरिशेबल फूड उत्पादों को तैयार किया जाएगा. अलग-अलग देशों की मांग के अनुरूप उत्पादों का एक्सपोर्ट होगा. एपिडा के उप महाप्रबंधक डॉ.सीबी सिंह ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करते हुए उत्पाद बनाने के लिए इंटीग्रेटेड पैक हाउस में फलों और सब्जियों को कई प्रक्रियाओं से गुजरना होता है जिससे उनकी ताजगी, स्वाद और गुणवत्ता बरकरार रहती है. किसानों के समूह के माध्यम से तैयार हो रही फल और सब्जियों के लिए प्रोसेसिंग यूनिट तैयार की गई है. यहां पर आम एवं अन्य फलों की प्रोसेसिंग, ग्रेडिंग एवं सर्टिंग  लाइन करने वाली मशीन को लगाया गया है जिनकी प्रति घंटा क्षमता 2000 किलोग्राम है. वही वेजिटेबल प्रोसेसिंग लाइन की छमता प्रति घंटा 1000 किलोग्राम है.  पैक हाउस के कोल्ड रूम की क्षमता 20 मीट्रिक टन है. वही प्री कोल्ड रूम की क्षमता 15 मीट्रिक टन है.

 

 

POST A COMMENT