यूपी में इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश:- मुआवजे के ल‍िए खराब फसल का ठीक से करें सर्वे

यूपी में इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश:- मुआवजे के ल‍िए खराब फसल का ठीक से करें सर्वे

यूपी की योगी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के अंतिम महीने में कृष‍ि बीमा कंपनियों की ओर से किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ देने के लिए बीमित किसानों को हुए नुकसान के आकलन की समीक्षा शुरू कर दी है. सरकार ने बीमा कंपनियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बीमा धारक कोई भी किसान बीमा योजना के लाभ से वंचित नहीं रहना चाहिए.

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यूपी में इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश:- मुआवजे के ल‍िए खराब फसल का ठीक से करें सर्वे  यूपी में फसल बीमा योजना की समीक्षा बैठक में कृष‍ि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने दिए सख्त निर्देश

यूपी के कृष‍ि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बीते द‍िनों चालू वित्त वर्ष में कृष‍ि बीमा के आकलन की समीक्षा बैठक ली. इस दौरान कृष‍ि मंत्री ने बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को दिए गए लाभ से जुड़े आंकड़ों की जिला प्रशासन से दोबारा पुष्टि कराने को कहा है. शाही ने समीक्षा बैठक में कृषि बीमा कंपनियों तथा सांख्यिकी विभाग को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं कि किसान को फसल का नुकसान होने की दशा में प्रत्येक बीमित किसान को बीमा का पूरा लाभ मिले. वहीं कृष‍ि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने इस दौरान बीमा कंपन‍ियों को न‍िर्देश द‍िया है क‍ि वे फसल बीमा के लाभ से क‍िसी भी क‍िसान को वंच‍ित नहीं रखें. साथ ही उन्होंने मुआवजे के ल‍िए खराब फसल का सर्वे संवेदनशीलता के साथ करने का नि‍र्देश भी कंपन‍ियों को द‍िया.

मंत्री ने ली जिलेवार आकलन की जानकारी

कृषि मंत्री शाही ने अपर मुख्य सचिव, कृषि देवेश चतुर्वेदी, कृषि बीमा के लिए नामित की गई कंपनियों के प्रतिनिधियों, सांख्यिकी निदेशक तथा अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर बीमा कंपनियों से प्रत्येक जिले में उनके द्वारा किए गए आकलन की जानकारी ली. शाही ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया कि उनके आकलन में लाभार्थी किसानों के छूट जाने की शंका का समाधान करें. उन्होंने कहा कि आकलन रिपोर्ट में यदि कोई कमी पाई जाती है तो उन कमियों को तुरंत ठीक किया जाए. 

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पूरी सजगता से करें सर्वे का काम

कृषि मंत्री ने कंपनियों को बीमा धारक किसानों को हुए नुकसान का सर्वे पूरी संवेदनशीलता एवं सजगता से करने के निर्देश दिए, जिससे प्रदेश का कोई भी किसान कृषि बीमा के लाभ से वंचित न रहे. शाही ने कहा कि बैंक अकाउंट या किसी अन्य तकनीकी कारण से यदि किसी किसान को बीमा राशि नहीं पहुंच पाई है, तो बीमा कंपनियां उस किसान तक उसके लाभ को पहुंचाना सुनिश्चित करें.

उन्होंने कहा कि बीमा कंपनियां, ऐसे किसानों की जानकारी सरकार को शीघ्र उपलब्ध कराएं, जिन्हें तकनीकी कारणों से पहली बार में बीमा की राशि नहीं पहुंचाई जा सकी है. बैठक में चतुर्वेदी ने कहा कि सांख्यिकी विभाग द्वारा कृषि बीमा का जो विवरण दिया जाता है, वह देश की जीडीपी के लिए भी प्रयोग किया जाता है, इसलिए कृषि बीमा के जो आकलन प्राप्त होते हैं, उनकी जिला प्रशासन से पुष्टि अवश्य करा ली जानी चाहिए.

कृषि विश्वविद्यालय के लिए मिली वित्तीय स्वीकृति

इस दौरान कृष‍ि विभाग ने बांदा कृषि विश्वविद्यालय में कर्मचारियों के आवास निर्माण कार्य की मद में प्राविधानित धनराशि की पहली किस्त के रूप में 4.5 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की. इसके अलावा इस संस्थान के पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय के भवन निर्माण हेतु व्यय वित्त समिति द्वारा अनुमोदित लागत की शेष धनराशि के रूप में 1.05 करोड़ रुपये की भी वित्तीय स्वीकृति दी गई है.

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