उत्तर प्रदेश से अभी हाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था. यहां उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने फर्जी किसान बनकर आम महोत्सव में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों पुरस्कार ले लिया था. लखनऊ में आयोजित आम महोत्सव में फर्जी किसान बनकर अवार्ड ले लेने के इस मामले में 'किसान तक' और 'यूपी तक' पर खबर चलने के बाद उसका बड़ा असर हुआ है. खबर चलते ही यूपी सरकार के अधिकारियों ने बड़ा एक्शन लिया और उद्यान विभाग के कर्मचारियों को तत्काल अवॉर्ड वापस करने का फरमान सुनाया. निर्देश पारित होते ही सभी कर्मचारियों ने अवॉर्ड वापस भी कर दिया है.
कुछ दिन पहले लखनऊ में हुए आम महोत्सव में प्रदेश भर के उन्नतशील आम के किसानों को बुलाया गया था. यहां सभी जिलों के स्टॉल लगाए गए थे. बड़ी बात यह है कि इस आम महोत्सव का उद्घाटन हर साल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों होता रहा है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. इस महोत्सव में बस्ती से भी उन्नतशील किसान गए थे, लेकिन वे मायूसी में लौटे क्योंकि उनके हक का अवार्ड उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने झटक लिया. इसके बाद इसकी शिकायत किसानों ने प्रधानमंत्री मोदी और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ से की. इस खबर को 'किसान तक' और 'यूपी तक' ने प्रमुखता से दिखाया. इसके बाद मामला सुर्खियों में आया और अधिकारियों ने आनन-फानन में कर्मचारियों का अवॉर्ड वापस भी करा दिया.
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दरअसल लखनऊ में हर साल की तरह इस साल भी मैंगो फेस्टिवल का आयोजन हुआ जिसमें कई प्रदेशों के आम किसान खुद के उगाए आम लेकर प्रतियोगिता में शामिल हुए. बस्ती जनपद के किसानों ने भी हर वर्ष की तरह इस महोत्सव में भाग लिया. मगर इस कार्यक्रम में किसानों के आम को बस्ती उद्यान विभाग के कर्मचारियों ने अपने नाम से प्रस्तुत कर खुद ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुरस्कार ले लिया. ऐसे में असली किसान मन मसोस कर रह गए और विभागीय कर्मी ही किसान बनकर खुद पुरस्कार लेकर चले गए. इस मामले का खुलासा होते ही संयुक्त निदेशक जिला औद्यानिक केंद्र डॉक्टर अतुल सिंह ने जांच बैठा दी.
पुरस्कार लेने वाले कर्मचारियों में एक कृषि वैज्ञानिक शुभम भी शामिल रहे. इसके अलावा माली संजय और खुद संयुक्त निदेशक के ड्राइवर राम सुभावन ने भी किसानों के नाम पर पुरस्कार लिया था. इस घटना के बाद असली किसानों का मनोबल गिर गया. पूरे साल मेहनत करके उन्होंने आम का पेड़ लगाया, उसमें फल आए तो उसे लेकर राष्ट्रीय आम फेस्टिवल में हिस्सा लेने लखनऊ पहुंचे. जब पुरस्कार मिलने की बारी आई तो अधिकारी-कर्मचारी खुद पुरस्कार लेकर सरकार को चूना लगा दिया. मामले का खुलासा होते ही अधिकारियों ने जांच बैठा दी. मामले की शिकायत प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से की गई.
लखनऊ में हुए आम महोत्सव में जिन उन्नतशील किसानों को पुरस्कार मिला था उनमें पुष्करादित्य सिंह, अनिल पांडेय औऱ बृजेंद्र प्रताप और नारायण पांडे शामिल हैं. लेकिन कावड़ यात्रा के चलते रोड बंद होने की वजह से ये किसान महोत्सव में शामिल नहीं हो सके. इस मौके का फायदा उठाकर उद्यान विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने ही फर्जी किसान बनकर आम महोत्सव का अवॉर्ड झटक लिया.
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ के अवध शिल्पग्राम में उत्तर प्रदेश आम महोत्सव-2023 का आगाज किया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आम महोत्सव के उद्घाटन के मौके पर आम की बागवानी के क्षेत्र में बेहतर करने वाले किसानों और निर्यातकों को सम्मानित भी किया. इस महोत्सव में आम की कई वैरायटी को शामिल किया गया. विदेशी प्रजाति के आम भी लाए गए. जो ख़ास किस्में आईं उनमें विदेशी प्रजाति के टॉमी एटकिन्स, सेंसेसन, अरुनिका, अंबिका, अरुणिमा, पूषा श्रेष्ठ, पूषा प्रतिभा, नारद आदि शामिल रहे.
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