उत्तर प्रदेश सरकार किसानों को स्वावलंबी बनाने के लिए कई कार्यक्रम संचालित कर रही है. वही अब लखनऊ मंडल में किसानों को पशुपालन, वानिकी ,दुग्ध, पशु चिकित्सा, मुर्गी पालन के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. लखनऊ के उपनिदेशक कृषि के निर्देशन में किसानों को सशक्त बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के जरिए उन्हें व्यवसाय से जोड़ते हुए आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के प्रयास चल रहे हैं.
राजधानी लखनऊ में प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना (Udyami swavalamban yojana) के अंतर्गत 2023-24 में 22 एग्री जंक्शन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस योजना के तहत उत्तर प्रदेश में निवास करने वाले कृषि स्नातक ,कृषि व्यवसाय प्रबंधन स्नातक और ऐसे स्नातक जो कृषि एवं संबद्ध विषयों उद्यान, पशुपालन ,वानिकी ,दुग्ध ,पशु चिकित्सा, मुर्गी पालन एवं इसी तरह की गतिविधियां जो किसी राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालय या किसी अन्य विश्वविद्यालय जो आईसीएआर अथवा यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त होंगे वे पात्र माने जाएंगे. इसके अतिरिक्त अनुभव प्राप्त डिप्लोमा धारी अथवा कृषि विषय में इंटरमीडिएट योग्य प्रार्थी पर भी विचार किया जाएगा. अभ्यर्थी की आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए. वहीं अनुसूचित जाति, जनजाति ,महिलाओं को 5 वर्ष की अधिकतम छूट भी प्रदान की जाएगी. पात्र अभ्यर्थियों में जिसकी जन्मतिथि पहले हैं उन्हें पहले वरीयता मिलेगी. वही प्राप्त आवेदनों में विकास खंडबार वरीयता सूची बनेगी एवं उसी आधार पर चयन समिति द्वारा अभ्यर्थियों का चयन भी किया जाएगा.
कृषि विषय में योग्यता रखने वाले अभ्यर्थी अपना आवेदन समस्त अभिलेखों के साथ 15 जून को सायं 5:00 बजे तक डाक के माध्यम से उप कृषि निदेशक लखनऊ कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं. आवेदन मात्र डाक माध्यम से ही स्वीकार किया जाएगा. व्यक्तिगत आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा. वही अधिक जानकारी के लिए कार्य दिवस में उप कृषि निदेशक लखनऊ कार्यालय से भी संपर्क किया जा सकता है.
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उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा प्रशिक्षित कृषि उद्यमी स्वावलंबन योजना के अंतर्गत किसानों को उनकी फसल उत्पादन के लिए कृषि केंद्र के बैनर तले समस्त सुविधाएं वन स्टॉप शॉप के माध्यम से उपलब्ध होंगी. साथ ही बेरोजगार कृषि स्नातकों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो सकेंगे. वन स्टॉप केंद्रों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाले बीज, उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रिएंट्स ,वर्मी कंपोस्ट, कीटनाशक, जैव कीटनाशक की आपूर्ति होगी. मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार निर्धारित उर्वरक एवं खाद्य की संतुलित मात्रा में किसानों को मार्गदर्शन भी मिलेगा. लघु कृषि यंत्रों को किराए पर उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था मिलेगी. वहीं नवीन तकनीकी की जानकारी भी दी जाएगी. वही एग्री जंक्शन केंद्रों द्वारा कृषि उपकरणों की मरम्मत तथा पशु आहार, कृषि उत्पाद एवं कृषि उत्पादों की बिक्री की सुविधा भी मिलेगी. इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को उद्यम स्थापना एवं संचालन के लिए नि:शुल्क प्रशिक्षण भी मिलेगा.
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