उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है जिसमें कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 15 से अधिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है. इस योजना के तहत किसान अब मिनी राइस मिल, ऑयल मिल लगा सकेंगे. इस योजना के तहत सरकार किसानों को कृषि यंत्र की खरीदारी पर 30 से 50 फ़ीसदी तक का अनुदान दे रही है. इस योजना के तहत किसान रोटावेटर, कल्टीवेटर जैसे उपकरण खरीद सकते हैं. वही इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान को कृषि विभाग में पंजीकृत होना जरूरी है. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसान को इस वेबसाइट https://www.upagriculture.com पर जाकर अपना आवेदन करना होता है.
उत्तर प्रदेश सरकार की कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत 15 से अधिक कृषि यंत्रों पर सब्सिडी का लाभ किसानों को दिया जा रहा है. इस योजना का लाभ पाने के लिए किसानों को कृषि विभाग में पंजीकृत होना जरूरी है. शासन स्तर से विभाग के पोर्टल पर किसान को आवेदन करना होता है. सरकार किसानों की आय को दुगनी करने और फसलों के उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ कृषि यंत्रीकरण जैसी विभिन्न योजनाओं के लिए इस योजना का संचालन कर रही है. सरकार के द्वारा किसानों को उन्नत किस्म के बीज और कृषि यंत्र पर सब्सिडी दी जा रही है .
कृषि यंत्रीकरण योजना के तहत किसानों को 10 हजार से लेकर ₹1लाख तक का अनुदान सरकार के द्वारा दिया जा रहा है. किसान को ₹2500 की जमानत राशि के रूप में कृषि विभाग के पास जमा करने होते हैं. एक लाख से अधिक अनुदान वाली योजना पाने के लिए किस को ₹5000 जमानत के रूप में जमा करने होते हैं. उप कृषि निदेशक अशोक कुमार यादव ने बताया कि 15 से अधिक प्रकार की कृषि यंत्रों पर सब्सिडी दी जा रही है . सरकार की तरफ से हर जिले का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पंजीकृत किसानों से आवेदन भी मांगे जा रहे हैं.
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कृषि यंत्रीकरण योजना के लाभार्थी का चयन की ई-लॉटरी के आधार पर किया जाता है. चयनित लाभार्थी को 30 से 45 दिन के भीतर कृषि यंत्र क्रय करके बिल पोर्टल पर अपलोड करना होता है नहीं तो उसकी जमानत राशि भी जप्त कर ली जाती है. किसानों को कृषि यंत्र पर अनुदान का लाभ प्राप्त करने के लिए जमानत राशि ऑनलाइन जमा करनी होती है. इस योजना के तहत किसान 10000 से लेकर ₹100000 तक के कृषि यंत्र की लिए जमानत राशि 2500 रुपए निर्धारित है.
लाभार्थी का चयन होने के उपरांत कृषि यंत्र क्रय कर विभागीय पोर्टल पर क्रय रसीद, यंत्र की फोटो को अपलोड करने के लिए 30 दिन का समय दिया जाता है. कस्टम हायरिंग सेंटर या फार्म मशीनरी बैंक के लिए यह अवधि 45 दिन की होती है. यदि लाभार्थी समय पर यह दस्तावेज अपलोड नहीं करता है तो उसकी जमानत राशि भी जप्त कर ली जाती है और उसकी जगह दूसरे किसान का चयन होता है. कृषि विभाग के स्तर पर जारी गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि मानव चलित या पशु चलित कृषि यंत्र पर एक बार अनुदान प्राप्त करने वाले लाभार्थी अगले तीन वर्षों तक योजना का लाभ नहीं ले सकेंगे. इसके अलावा शक्तिशाली कृषि यंत्रों के लिए यह अवधि 5 वर्ष की होती है. फार्म मशीनरी बैंक या कस्टम हायरिंग सेंटर 10 वर्ष के उपरांत ही दोबारा योजना का लाभ लिया जा सकता है.
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